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Tuesday, August 16, 2016

,आचार्य चिंतन

Shared Post - source Dinamalar – 05/07/2016

कांचीपुरम  पूज्य श्री श्री श्री   चंद्र शेखर जयेंद्र स्वामीजी  के आध्यात्मिक चिंतन ।
देवी को माँ स्वरूप मानकर पूजा करना ही
  देवी की आरादना है।  सभी जीव राशियों के कल्याण
के लिए  प्रार्थना करनी है ।प्रार्थना कीजिए।

जो घटना घटी , उसको ज्यों का त्यों कहना सत्य नहीं है।
  औरतों को चावल पकाते समय मुट्टी भर का चावल दान -धर्म के लिए  बचाकर रखना चाहिए ।
क्रोध मन रूपी  दीपक को बुझाकर अंधेरे में
डाल देगा ।
 
காஞ்சி ஶ்ரீ மஹா பெரியவர் ஆன்மிக சிந்தனைகள்

* தெய்வத்தை தாயாக கருதுவதே அம்பிகை வழிபாடு. அவளிடம் உயிர்கள் எல்லாம் நலமுடன் வாழ வேண்டும் என பிரார்த்தனை செய்யுங்கள்.

* நடந்ததை நடந்தபடி சொல்வது சத்தியமாகாது.

* பெண்கள் சமையலுக்காக வீட்டில் அரிசி எடுக்கும் போது, ஒரு கைப்பிடியை ஏழைகளுக்கு தர்மம் செய்ய எடுத்து வைக்க வேண்டும்.

* கோபம் என்பது மனிதனின் மனம் என்னும் விளக்கை அணைத்து இருளில் தள்ளி விடும்.

- காஞ்சி ஶ்ரீ மஹா பெரியவர்

Monday, August 15, 2016

स्वर्गीय कवि की श्रद्धांजली ।

इकतालीस साल   की उम्र में ही स्वर्ग सिधारे  प्रसिद्ध    तमिल चित्रपट के कवि   स्वर्गीय ना। मुत्तुकुमार ।

        के   कश्मीर  सम्बंधित   गीत  के हिंदी अनुवाद;
              श्रद्धांजली    सहित.
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       अल्ला!   हमारी  मातृभूमि  !

फूलों   के खुशबू भरे "डाल"  झील !

अल्ला!    हमारी मात्रु भूमि! 
पुष्प वन!

रण-भूमि क्यों बनी  ?

बरफ इ पहाड़ों पर ,

  खून  क्यों  ?

  या अल्ला!!

क्या   हमारा कश्मीर  ,
खूबसूरत रोप में बदलेगा कि नहीं.?
शान्ति  फैलेगी  नहीं ?

आपसे   मेरी  मांग   है,
क्या फिर कश्मीर   का सुन्दर रूप,
मिलेगा कि  नहीं?
चैन  में बदलेगा  कि नहीं?

सेब  का बाग़  अब बन गया है श्मशान भूमी.
घाटियों   की हरियाली, अब लाल रंग में बदली  है.

जिन्दगी    दर्द भरी   बन  गयी.

हमारी    औरतों    के   चेहरे  ,

लज्जा से  लाल होते   पहले,

आज   मृत्यु के दर और लाशें देख .

विधवाओं   रोनी सूरत देख ,

दुखी   होते  हमारे वारीसें .

क्या  दर्दभरे क्रंदन के लिए  ही  जन्मा  है?

बमों   के कारणचीख--शोर.
हमारी   आँखों में छुरी चुभाने का समय आज.
या अल्ला!  कश्मीर केसफेद कबूतर कहाँ उड़ गए?
कश्मीर   के पुराने मेले-जलसे
फिर  कब   होंगे ?
हमारे स्वर्गतुलीकश्मीर  कब  दिखेगा?

किसने बनाया , उसको मृत्यु-भूमि ?

हमारी  संतानों को बली कीबकरी किसने बनायी?

षड़यंत्र   किसने  रचा?

आज  कीस्थिति   कब बदलेगी ?

पहले     जैसे   स्थिति   कब    आयेगी ?

फूल आनंद के कब खिलेंगे ?

कब्रिस्तान   कब     बदलेंगे ?

सडकों   पर   आना-जाना जान के खतरे से खालीनहीं.

यह हालत कैसीहुयी? पता नहीं .

दुःख     के  कारण  नींद     नहीं   आती.

बादल  भी रो रहें हैं,
दुःख इ आंसू बहा रहे  हैं.

कश्मीर   हमारे कश्मीर.

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तमिल मूल.

பாடலாசிரியர் 'முத்துக்குமார்' மரணம்...

காஷ்மீர் குறித்து அவர் எழுதிய பாடலை
நினைத்துப் பார்க்கவேண்டிய தருணம்..!

"அல்லாஹ்வே எங்களின் தாய் பூமி...
பூ வாசம் பொங்கிய 'தால்' ஏரி"
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அல்லாஹ்வே எங்களின் தாய் பூமி
பூவாசம் பொங்கிய 'தால்' ஏரி
பூவனம்
போர்களம்
ஆனதெனோ
பனிவிழும்
மலைகளில்
பலிகள் ஏனோ
யா அல்லாஹ்
எங்கள் கஷ்மிர்
அழகாய் மாராதா..
யா அல்லாஹ்
எங்கள் கஷ்மிர்
அமைதி காணாதா..
உம்மை நானும் கேட்பது
மீண்டும் எங்கள் கஷ்மிர்..
யா அல்லாஹ்
எங்கள் கஷ்மிர்
அழகாய் மாராதா..
யா அல்லாஹ்
எங்கள் கஷ்மிர்
அமைதி காணாதா..
ஓ... அந்த ஆப்பிள் தோட்டம் இங்கே
கல்லரை தோட்டம் ஆனதோ..
பள்ளத்தாக்கின் பசுமை எங்கே
ரத்த கோலம் பூண்டதோ
வாழ்கையே இங்குதான்
வலிகளாய் போனதே
எங்கள் பெண்கள் முகங்கள்
சிவந்ததெல்லாம்
நாணம் கொண்டு அன்று...
மரணம் கண்டு இன்று...
ஓ... எங்கள் கஷ்மிரின் ரொஜ பூ
விதவைகள் பார்த்து அழதானா...
ஓ... எங்கள் கஷ்மிரின் வாரிசுகள்
மரணத்தின் கையில் விழத்தானா...
எங்களின் மண்ணில்
குண்டு வைத்து
எங்கும் ஓலம்
எங்களின் கண்ணில்
கத்தி வைத்து
குத்தும் காலம்
யா அல்லாஹ்
எங்கு போகும்
கஷ்மிர் புராக்கள்..
யா அல்லாஹ்
என்று தோன்றும்
கஷ்மிர் விழாகள்..
எங்கள் அன்றைய
கஷ்மிர்
எங்கள் கஷ்மிர்
ஓ... எங்கள் சோர்க பூமியை இன்று
சாக்காடாய் யார் செய்தார்..
எங்கள் சொந்த பிள்ளையை
பலி கேக்கும்
சதி எல்லாம் யார் செய்தார்..
கலவரம் முடியுமா..
நிலவரம் மாருமா..
எங்கள் வீட்டுத் தோட்டம்
முன்பு போல்
பூக்கள் பூத்திட வெண்டும்
புதை குழி அழிந்திட வெண்டும்
சாலையில் சென்று வர இன்று
சாவினை வென்று வர வெண்டும்
இந்த நிலையை
தந்தாரோ
புரியவில்லை
கண்களை
மூடியும்
தூக்கம் இல்லை
மேகம்கூட
கண்ணீரை
சோகமாய் சிந்துதே
எங்கள் கஷ்மிர்...!!!
எங்கள் கஷ்மிர்...!!!

Thursday, August 11, 2016

देस्ती

संगम  को प्रणाम ।
साथ देनेवाला  साथी ।
सतानेवाला दुश्मन ।
दोस्ती निभाना अति मुश्किल ।
दोस्ती बनाना तो सरल।
कर्ण  को संकट के समय
दुर्योधन| ने साथी बनाया ।
यहाँ तक कि राजा।
कर्ण तो दानी बना।
दोस्ती निभाने  केलिए नहीं,
कृतग्ञ ग्ञापन के लिए।
दुर्योधन में स्वार्थ था।
  साथी निभाना अति कठिन  ।
गलत करें सहना  है।
सुधारने की बात है कया ?
  कृष्ण - सुदामा की  देस्ती की प्रश्ंसा ।
सुदामा ही कृष्ण सै मिलने गया।
न कृष्ण। स्वागत तो ठीक
सुदामा पत्नी के आग्रह से न जाते तो
न  कहानी दोस्ती  की।
रंक को राजा बनाने में  ही दोस्ती।
  गरीबी मिटाने में दोस्ती।
बिना  लेन - देन की दोस्ती कहाँ?

Sunday, August 7, 2016

साहित्यकार

साहित्य  कल्पना  से संबंधित,
गोरी कल्पना  रोचक नहीं होती।
समाज से संबंधित।
सत्य से संबंधित।
यथार्थ  से संबंधित।
आदर्श से संबंधित।
पर साहित्यकार का हृदय
प्यार की चोट| से,
विरही की चोट से
दुख की कसौटी में
जीवन की विरक्ति में
भक्ति की तन्मयता में
रवि की गरमी में
चंद्र की शीतलता मे
दरिद्रता की भूख में
मूक वेदना में ।
आदी कवि वाल्मीकि  पापी।
पाप से मुक्त होनै भक्त
भक्ति के फलस्वरूप  अमर काव्य।
पत्नी  के मोह, स्पर्श, न  अन्य चिंता।
पत्नी उग्र काली बनी।
तुलसी बना भक्त ।
हनुमान चालीसा अब कइयों को
देती  शक्ति, मुक्ति,भक्ति, वांछित फल, शांति।
प्रेमी बनता  प्रथम कवि।
प्रेम की लहरे उसे  डाँवा डोल  करती।
चोटें पहुँचाती, भक्त ।
तभी बनता अमर काव्य।
कालीदास अति मूर्ख।
राजकुमारी अति बुद्धी मानी।
भाग्य  का संबंध।
परिणाम अमर ग्रंथों केवअमर कवि।
  साहित्यकार  आदर्श बन जाता।
तभी बनताव अमर।

Friday, August 5, 2016

गीत

गीत  है तो वही,
जो माया -मोह मिटाकर ,
सिर्फ  ईश्वरीय   गुण गावे.
ब्रह्मचर्य का महत्व  गाये,
संयम को समझावे,
सदाचार का मार्ग दिखावे.
संकट दूर करें,
शंकर का यशोगान  करें.
बुरे  गुण ईर्ष्या ,लोभ ,मद,काम  आदि दूर करें.
सदा ईश्वरीय  गुण गान करने को  प्रेरित करें.
गीत है इ वही जो सन्मार्ग दिखावे
गीत  है तो  वही जो
अपने मंजिल पर दृढ़  रहने की प्रेरणा दें
गीत है तो वही  जो मन को विमल रख सके.

सनान धर्म

गुण गाता है  हिम के  पर्वत
भारत की एकता के  प्रतीक
लहराता आलाप करता 
हिन्द महासागर  की  लहरें .

त्रिवेणी संगम की लहरें
सागर संगम हमें अंतर राष्ट्रीय संगम
आये कई विदेशी कैबर घाटी -सागर के मार्ग पर
कितने ही  सभ्यता व् संस्कृति ,के मिश्रण
इसमें हमें स्वाद मिला मिस्री  सा मिठास.
जो भी आये अथिति ,वे हैं हमें देव -सम;

कई देश के कलाकारों की इमारत

मुग़ल -यूनानी -ब्रिटिश -वास्तु-कला के संगम.
ये हैं अन्तराष्ट्रीय एकता के लक्षण;
डच,पुर्तुकीस ,फ्रांसीसी वास्तु-कला के नमूने
प्रेम विवाह में आंगलो- इंडियन के वारिश
चन्द्रगुप्त के समय यूनानी प्रेम विवाह
अकबर बादशाह लाये दीन इलाही

राजपूतानी सम्बन्ध ;
आदर्श सहनशील  सनाताना धर्मी .
अपने धर्म के नाम को "हिन्दू" धर्म ने  मान लिया
जिसने विदेशी के गलत उच्चारण ने दिया "सिन्धु".

हम इतने उदार दिलवाले -मदुरै को मजूरा मान  लिया.
तिरुवनंतपुरम को  त्रिवेंड्रम  माँ लिया ;

चेन्नई बन गया मद्रास .
सब को मानकर मिलाकर मौन खड़ा है गंभीर भाव से
भारतीय सनातन धर्म;

Wednesday, August 3, 2016

मनुष्य

नर हो ,न निराश करो मन को।
नर हो -- अर्थात   ग्यानी हो, चतुर हो,
चालाक हो , षडयंत्रकारी हो, जीवन रक्षक हो।
सुधारक हो, आतंकवादी हो।
सार्थक हो, निरर्थक हो,
अच्छे हो बुरे हो, कच्चे हो,
हिंसक हो ,अहिंसक हो,
भोले भाले हो, पागल हो , बुद्धु हो,
बलवान हो ,दुरबल हो ,नपुंशक हो,
क्या न हो,
धर्माचार्य हो, अधर्माचारी हो।
दयालू हो,निर्दय हो।
अहं ब्रह्मास्मी हो,
क्या न हो।
न निराश करो मन को।
गुप्तजी , मैथिलीशरण जी  का यह वाक्य
कितना अर्थबोधक है।
मजहबी हो, जातिवादी हो,
स्वार्थ हो ,निस्वार्थ हो।
प्रयत्नवान हो ।