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Wednesday, October 22, 2025

आशाओं के दीप।

 


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 आशाओं के दीप


— एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई

तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक


जब जीवन में छाए अंधेरा,

मन हो जाए बिल्कुल घनेरा।

तब मत रुकना, मत घबराना,

आशा का दीप जलाना। 


हर पथ में बाधाएँ घेरें,

काँटे भी साथ सफ़र में फेरें।

कदम न रुकें, विश्वास बढ़ाना,

आशा का दीप जलाना। 


असफलता जब गले लगावे,

मन को दुःख की लहर डुबावे।

तब भी हँसकरराह बनाना,

आशा का दीप जलाना। 


ठग ले कोई, धन चला जाए,

प्रिय बिछुड़ें, सुख दूर हो जाए।

फिर भी हृदय में दीप जलाना,

आशा का दीप जलाना। 


ईश्वर पर विश्वास रखो रे,

कर्म पथ पर रुख न मोड़ो रे।

हर संकट में जीत दिखाना,

आशा का दीप जलाना। 🕯️

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