तरंगित मन
सुंदरता में मन है तरंगित.
तरंगों में लय भी हैं ,
जवार -भाटा भी.
कोई उतरता है तो
किनारे पर लग जाता है.
कोई -कोई लहरों की खींच में
एक दम डूब जाता है तो
कोई कहीं फेंका जाता है.
फेंके जाने की जगह के मुताबिक़
उसका सर ऊंचा होता है नहीं तो
झुक जाता है.
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