Monday, December 22, 2014

अजीबो -गरीब

संसार है अजीबो -गरीब 
कोई भगवान के नाम लेकर 
नंगा घूमता है  तो 
कोई भगवान के नाम लेकर 
दान-धर्म -कर्म -यज्ञ-काण्ड के 
रूप में करोडपति बनता है.
कोयीभागावान के नाम केवल 
लूटने -लुटाने लेता है.
कोई देश की इज्जत केलिए 
जान न्योछावर करता है तो
कोई देश-द्रोही बन खुद नष्ट हो जाता है.
कोई देश-की सेवा के नाम  ठगकर 
सुख -भोगी मालामाल बनता है;
कोई भाषा के नाम लड़ता-लड़ाता-लडवाता है तो 
कोई धर्म -जाती के नाम .
शिक्षालय -देवालय में भी 
त्याग कम ,भोग ज्यादा दीख पड़ता है.
जो भी जैसा भी हो  मिट्ठी में मिलता है.
मिट्टी का भार बढाता है ;
अंत में मिट्टी में मिल जाता  है.
यह तो  संसार अजीबो गरीब .
अंत जानकर भी 
भव-सागर पार करने भटकता रहता है.

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