ह्रदय एक बरफ है.
मैं अपने यहाँ की खिड़कियों के ,दरवाजे
बंदकर रखा था.,
ह्रदय के द्वार पर लिख रखा था ---
किसीको उसमें स्थान नहीं है.
मेरी आज्ञाओं के विपरीत
मेरे ह्रदय में प्रवेश करके
मेरा मजाक करती हो.
मैं सोच रहा था --
मेरा ह्रदय पत्थर है.
तेरी नज़र पड़ते ही
समझता हूँ -
मेरा दिल बरफ है.
*************************************************************************
कविता
कविता तो कुर्सियों का
चामर नहीं है.
पद-दलित ह्रदय का गुगुनाहट.
मधु के प्यालें में
डालनेवाला बरफ नहीं,
भोजन में डालनेवाला नमक.
अन्तःपुर की अश्लीली नाच नहीं,
जनता के कलाकार के गली नुक्कड़ नाटक.
अलंकृत चेहरे की तस्वीर नहीं ,
असली चेहरे के दर्शन.
हस्तरेखा ज्योतिष के हाथ का
भूत दर्पण नहीं,
आनेवाले को दिखानेवाले
वाहन के चालक के दाए दर्पण.
कायकल्प नहीं ,
घावों का मरहम.
जूते का मोजा नहीं,
आंसू पोंछ्नेवाला तौलिया.
साहिताकारों के संकेत भाषा नहीं,
सब की चालू भाषा.
औसत आदमी के लिए पराया नहीं
दैनिक जीवन का अनुभव.
No comments:
Post a Comment