Friday, December 5, 2014

aids கவி ---எழில் வேந்தனின் வெளிச்சங்கள் கவிதைத் தொகுப்பின் ஹிந்தி மொழி ஆக்கம்.

         एइड्स 
                                           
 फूल से कोमल
 खूबसूरती प्यार.
बलात्कार काम से मोहित 
भटकी इच्छा का परिणाम 
एइड्स है  खतरे की घंटी.

विदेशी बाह्याडम्बर 
कलाचार से  काटी  है 
जान लेवा रोग यह.
इसके निवारण की 
नहीं है कोई  दवा.
अंतिम घड़ी में मानव के 
विलाप की गूँज 
अगजग में उठती है ;

याद रखिये ! भारतीयों!
भारतीय ही इसकी दवा का 
पता लागायेंगे.
मानुष के मृत्यु -भय दूर करेंगे.
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 इलाज के क्षेत्र में  महत्वपूर्ण  साधना.

गुलामी के अन्धाकर में  था भारत.

अज्ञान  रूपी अन्धकार में भी डूबा रहा 

भारत देश.

आजाद  होकर आँखे  खुली  तो  देखा 
कई क्षेत्रों में सुधार कार्य अभी करना है.

ढेर कूड़ों को सफाई करके 
आवश्यक काम शुरू हुए.

अज्ञानता और अंधविश्वास के कारण 

छिपकर रखे रोग अनेक.

बली हुए प्राण असंख्य.

सूची  बड़ी.

संतान -चाँद की कल्पना में 
रात -दिन  तीन सौ  दिन ,
पेट में शूली -सा   पेट में ढोकर ,
प्रसव के अग्नि कुण्ड में 
बची माताएं ,
वंश वृद्धि -खानदान वृद्धि के नाम 
संतानोत्पत्ति में लगी 
अशिक्षित जनाताएँ .
यह तो प्राचीन भारत.

आज दो के बाद ,
भगवान ही देने पर भी 
गर्भधारण में कोई नहीं तैयार.
ये हैं नए भारत की माताएँ.
जन्म के समय बदलने ,
भगवान से निश्चित  समय बदलने 
शल्य चिकित्सालय में समय सारणी.
डाक्टर बदलकर लिखें तो 
महेश्वर से भी बदल नहीं सकता.

चिकित्सा क्षेत्र के अपूर्व-साधना,
आज 
युवा मृत्यु कम हो गयी.
बुढापे के बाद होनेवाली विपत्ति बनी.

कल के भारत के बच्चे 
इतनी क्षमता पाएँगे
अपने अद्भुत चिकित्सा में 
बुढापे  की मृत्यु को भी स्थगित रखेंगे.
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कातल एनाप्पट ट तु.

प्यार    का  मतलब 

खुद  खिलकर ,
खुद  खुशबु  के  दैविक गुलाब.!

ह्रदय की गहराई में 
अंकुरित आँखों के दवरा झाँकने वाला.

प्रतीक्षित आँखे मात्र पता लगाकर 
गले लगाती हैं.
विपक्षी के कोने में जलनेवाली आँखें ,
प्राण वायु के फूंकने से 
जलकर धधकता है.
भूखी आँखें  परस्पर ,
परोस लेती हैं.
स्वीकृत दिलों के मात्र 
साध्य है यह संधि .
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आनेवाले युग में 

गायेंगे
 इंसानियत  जिंदाबाद के 
मधुर गीत.
मनुष्यता  की रक्षा के
 पुण्य काम  में 
दिल लगायेंगे.
प्राकृतिक शक्ति से बढ़कर ,
कोई नहीं जगत में.
उसको चालू करने  की मनुष्य -शक्ति 
आगे के युग में.

समुद्र ,आकाश ,वायु भी 
मानेंगे आज्ञा मनष्य-शक्ति की.
मूढ़ता की प्राचीन कथाएं ,
धरती में कल होंगे पराजित.
आगे मनुष्य ह्रदय को 
पीड़ित करने के गंदे
 विचार मिटायेंगे.
रंग-बिरंगे फूलों के हार के रूप में 
मनुष्य  कुल  को बदलेंगे.
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इप्पोतु
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           अब 
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मृत्यु शय्या में लेटकर 

आँखें मूँदने के बाद,

पुष्पाहार.पुष्प-गोलाकार,

लेनेवाले हैं  क्या?
लहरों के बीच की चींटी की तरह 
हरा पत्ता नहीं चाहता  बचने ;
सूखा  पत्ता  पर्याप्त् है.

मेरे शव  के  जम  जाने के बाद ,
आँसू बहाने आयेंगे क्या?
मेरे चारों ओर लगाए पर्दा  हटाकर,
ज़रा -सा मुस्कुराइए.
मेरी श्रद्धांजली  की सभा में 
लम्बे भाषण को ज़रा बंद कार दें.
चलते समय बीतने के पहले 
एक अच्छे शब्द बोलेंगे नहीं?

शान्ति के गृह में गहरी 
नींद सोने के बाद 
हज़ारों बार आकर 
रोने से स्मरण करने से 
फायदा क्या होगा?

मेरे ह्रदय जमने के पहले 
क्या प्यार नहीं कर सकते.
मृत्यु छिपकर आती है,
जिन्दगी प्रत्यक्ष होती है;
आँखों से देखिये;
कानों से सुनिए.
पलकें जहां हैं वही तड़पेगा.
आँखें जाएँगी बहुत दूर  छूकर  लौटेंगी.

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