प्रेम के दास.
केवट( गुह )--मेहनती वर्ग का प्रतिबिम्ब ;
घृणित वर्ग के नए प्रतिनिधि.
विधि के कर उसको दूर रखा .
पर वह है कथा-पात्र
नदी के जल में भीगा.
नीच कुल में जन्मा वह ,
रवि कुल का सेतु बना.
बिजली -सा चमका.
चमेली के खेत में
उदित मोती वह.
चन्दन के वन में
घुटने के बल बहे
सुखद हवा.
कुल के कारण हटा रखा पर
वह है हीरा जंगल का काला.
तम को दिया अपना काला रंग.
वह तो जंगल का गुलाब.
राम के पाद -स्पर्श से वंचित
पवित्र प्रेम का पात्र शिखर.
वह तो पढ़ा लिखा विचित्र
नहीं गया पाठशाला.
गहरी गंगा की में
उसने पढ़ा शान्ति-पाठ.
आकाश ने दिया ज्ञान .
मछलियों से संगीत सीखा.
चक्रवर्ती को अपने प्यार से जीता.
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