Sunday, December 21, 2014

दिल की बात



Discussion  -  21:27
दिल की बात कहूँ ,

सहमी सी बात ,
शर्मीली बात 
गूढ़ बात या ,
मूढ़ बात  या 
लुटी बात  या 
लूटी बात या 
छूटी बात या 
छूती बात या 
अछूती बात या 
इच्छित बात या 
अनिच्छित बात 
उडी बात या
उठी बात  या 
सही बात  या 
सजी बात .
जो भी कहूँ 
is बूढ़े की बात 
सुनता कौन.?
फिर भी सुनायी आदर्श बात 
दोहराना हो गया आवश्यक.
निर्ममता से काम मत कर.
ममता भरी मानवता भरी 
कर्म कर ;बात कर.
माया छोड़ ;
धन जोड़ ;
निर्धनी की बात 
दरबार में शोभित होती नहीं;
गुणी की बात उसके अंत के बाद.
नैतिक पथ  की बात 
मानसिक शाति देती.
दिल की बात मेरी ,
वर्षों पुरानी;
फिर भी अवाश्यक है 
जीवन निराली.

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