प्रेम भरी दुनिया ,
प्रेम में प्रेरित ,
प्रेम में पुलकित
प्रेम में प्रमाणित
प्रेम में मिश्रित
पल्लवित दुनिया.
पर ये प्रेम व्यक्तिगत हो तो
संसार है सनकी.
सार्वजनिक हो तो मानकी /
दृष्टिगत हो तो वैयक्ति,
शारीरिक हो तो कामुकता।
ईश्वरगत हो तो आध्यात्मिकता।
स्वार्थ होतो भोगी ;
परार्थ हो साधू ;
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