Friday, October 19, 2018

विष ही निकला--दुःख प्रद .


सब में अनुकूलता
सब में प्रतिकूलता
एक न्यायाधीश का फैंसला
दुसरे बदलते।
चारों के फैंसले ,
एक महिला न्यायाधीश से न माना।
आज केरल में क्रांति
चारों न्यायाधीश के फैसले के विरुद्ध।
कोई भी न करता आत्ममंथन।
अदालत पर.न विश्वास .
छात्र पर अध्याकिया ने बलात्कार।
आश्रमाचार्य शिष्या पर बलात्कार
अवैध सम्बन्ध का अदालत ने मान्यता।
बहिरंग चुम्बन करने का आंदोलन।
कहीं भी न रहा निष्कलंक वातावरण।
ऋषि -मुनियों के देश में
अपहरण की कथाएं राम राज्य में ,
कृष्ण राज्य में
कलियुग में तो
खान वंश बन गया गांधी वंश।
न हिन्दू में अनुशासन।
न मुसलामानो में ,न ईसाई में.
आत्मंथन छोड़
पराई का मंथन।
समलिंग विवाह अनुमति।
आत्ममंथन भारत का वेदना से भरी।
आध्यात्मिक भूमि ,आज बदल रहा है
बलात्कार की भूमि।
पुरुष रक्षक संघ
पुरुष प्रधान देश में.
तलाक शब्द रहित देश में
तलाक मुकद्दमा संख्या अधिक।
हमारा आत्ममंथन
भावी पीढ़ी सोच
विष ही निकला--दुःख प्रद .

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