Wednesday, October 24, 2018

भोजन -सुख -दूभर

 चांदिनी रात ,
प्रकाश का मंच। 
कल से घटने की सूचना 
घट -बढ़कर जीवन 

रोशनी में अन्धेरा ,
अँधेरे में रोशनी। 
जुगुनू भी काम आता.
यह चाँद का वर्णन 
हर महिला के चेहरे में 
तेरे चेहरे देख 
आकाश का चाँद भूल जाता कवि। 
चंद्र मुखी ज़मीन पर 
हर पुरुष न कहें तो 
भोजन -सुख दूभर।

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