Sunday, October 14, 2018

आज मेरे मन में उठे विचार

विविध विचार ,
विविध सोच
भिन्न रंग ,भिन्न देश
विभिन्न मौसम
सभी में विविधता तो
एकता कहाँ ?
न भाषा में एकता
न बोली में एकता
न जीवन शैली में एकता,
न खान पान में एकता
न  पहनावे में एकता।
न मिट्टी में एकता।
जो माता पूजनीय हैं तो
गो माँस  खाने चाहते लोग।
फिर भी एकता हैं ,तो
आध्यात्मिक चिंतन।
ईश्वर से  दिए गए ज्ञान।
भाव -मनोविकार।
करुणा ,श्रद्धा-भक्ति ,प्रेम
भय ,क्रोध ,हास्य ,भक्ति ,वात्सल्य।
थोड़े में कहें तो इंसानियत।
दान-धर्म के चाहक।
स्वार्थ -लोभी से अलग
जिओ और जीने दो.
वही मनुष्य है
जो दूसरों के लिए
जिए -मरे.
आधुनिक यातायात के साधन।
प्राकृतिक प्रकोप।



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