Monday, October 22, 2018

आत्मावलोकन

आत्मावलोकन
खुद को सांचे में डालना।
खुद को परिमार्जित करना।
क्या हम भी जग -कल्याण के लिए
जहां की जागृति के लिए
विषम विषय वासना से
लौकिकता से
अलौकिकता की और बातें छोड़
चलवाने -चलने -चलाने -
सबहीं नचावत राम गोसाई की चिंतन में
कुछ करने प्रार्थना कर सकते हैं.
एक न एक दिन जग में
सहोदर भावना , अहिंसा भाव
वासुदेव कुटुंब भाव
सखा -सखी भाव
फैलाने का आत्मावलोकन।
आत्म चिंतन।
यही प्रार्थना एकांत में
जागना -जगना -जगाना।

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