Sunday, October 28, 2018

माया

नमस्कार. 
दुनिया क्या शाश्वत है?
हमारी याद रहेगी ? 
हमारा नाम रहेगा. 
सोचिए.. 
हमारी प्राचीन प्रसिद्ध
यादगारें समुद्र केअतलपाताल में.
हमारे वेद हम में से अधिकांश न जानते.
क्यों?
लोगों में ज्ञान की बात हैं.
चित्रपट के इस युग में
माया -शैतान-ठग के विचार और पद
सहर्ष सादर मान्य है.
गोरस गली गली बिकै.
स्वस्थ बातों को गली गली घर घर
ले जाना है, पर एक सरकार
हर राज्य की आमदनी गोरस से नहीं, अतः
गोमाता की रक्षा के लिए हम चिंतित हैं,
शराब की दूकान में भीड अधिक.
ठंड प्रदेश के अंग्रेज़ , महिलाओं के साथ
मधु प्याला हाथ में रख
नाचने की मायाके सामने
 दिव्य शक्ति
गोरस फीका
 पल पड जाता है.
यही संसार है.
स्वचिंतक स्वरचित :अनंत कृष्णन. यस.

No comments:

Post a Comment