Monday, October 22, 2018

हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म एक सागर है.
जग के लोग भारत आया करते हैं.
यहां की अमीरी ,
यहाँ  की शिल्पकला ,
यहाँ  के कुटिर  उद्योग
यहाँ  की हर कला
उनको आकर्षित करती हैं।
उनको सबसे बड़ा
 आश्चर्य यहाँ की गरीबी ,
लोगों के व्यवहार ,
फुटपात पर किसी चिंता के
मीठी नींद सोनेवाले ,
यहां के साधू-संत जीवन ,
यहाँ की प्राकृति सुषमा ,
उर्वर भूमि ,
परिश्रमी किसान
अंत में वे जान लेते हैं
आध्यात्मिक लोगों की चालाकी
चतुराई ,उनके आकर्षक मन्त्र ,
मनमोहक नाच ,गान ,संगीत।
देशोन्नति और उन्नति की बाधाएँ
देशवासियों की एकता और विविधताएँ
एक बाइबल ,एक कुरआन
एक मार्ग ईश्वर आराधना से
जीने वाले ,
यहाँ  की असंख्य मूर्तियों की पूजा,
बाह्याडम्बर पूर्ण मंदिर ,
 मंदिर के अंदर बाहर की दुकानें ,
ठगने के दाम ,ठगने की पूजा,प्रायश्चित्त।
अघोरी जैसे नंगे जीवित भक्त ,
रविशंकर ,नित्यानंद ,आसाराम जैसे
सच्चिदानंदा,सत्य साई ,शिरडी साई जैसे
बाह्याडम्बर से धनि आश्रम
एक शिव,उपासक दल अनेक।
एक विष्णु उपासकों के भेद।
ईश्वर के विचित्र रूप ,
भय भीत दुर्गा काली की मूर्तियाँ।
इतना होने पर भी ईश्वर से भय भीत वर्ग ,
ईश्वर के नाम त्याग ,
ईश्वर के नाम लेकर लूट -ठग।
वापस जाते हैं परेशानी से।
यहाँ के योग ,यहाँ की शांति।
यहाँ के वियोग ,यहाँ की अशांति
कुछ भी न समझ सकते।
यह दैविक देश या माया -शैतानिक देश.
पर दिव्य शक्ति को  मानकर
अनुसरण कर  प्रशंसा करके जाना
गजब की बात.




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