Wednesday, October 17, 2018

ई स्वर।

ईश्वर सृष्टित मनुष्य को आदर्श पथ दिखाता।

ईश्वर भक्त बनो ,
ईमानदार से रहो। 
ईख रस मधुर रस बने जीवन।
ईकारांत इयाँ में अपने को ह्रस्व बनाना 
दीर्घ दर्शी , दीनानाथ ,
वीर ,वीरांगना ,
ई -स्वर ईश्वरानुभूति 
ईश्वरत्व।

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