Thursday, October 4, 2018

दूर और पास

வணக்கம்.
नमस्कार.
न दूर हम न पास हम.
यों सोचना ही सही.
पास हम, भाषा न मालूम है तो
दूर हम!दूर है हम!
अंतरजाल कर देता है पास.
दूर है हम जब धन नहीं
हमारे हाथ में.
अति निकट है ईश्वर.
पर अति दूर.
माया का पर्दा पट्टी बाँध.
मोह, ईर्ष्या, लोभ, लालच
आलिंगन में दूर कर देता सर्वेश्वर को.
जवानी पास, दीवानी पास
संपत्ति  पास पर दूर कर देते
नाते रिश्ते,
अकेले में बीते ,
बुढापा में अकेले
सब पास सब दूर
दूर पास के  होड में
कफन ही अंत तक  पास.

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