आजकल सरकार के प्रशासन में सभी कार्रवायियाँ खुल्लमखुलला होनी चाहिए।
लुका-छिपा करना मना है। प्रशासन में रहस्य कुछ विभागों में अत्यंत जरूरत है।
बड़ा नारा लगाते हैं कि सामान्य जनता तक सरकारी कार्रवायियाँ मालूम होनी चाहिए।
कुछ बातों में गोपनीयता की अत्यंत ज़रूरत है। सभी में छूट होती है।प्रशासन में अपवाद ज्यादा है।भेद खुलने पर परिणाम अनर्थ और विपरीत होगा।
अत्यंत आवश्यक कार्रवाई में गोपनीयता की आवश्यकता है।उचित काल तक उस गोपनीयता को छिपाकर रखना चाहिए।तब तक मानसिक दृढ़ता की ज़रुरत है।
वल्लुवर कहते हैं --गोपनीय कार्य में कार्य समाप्त होने तक गोपनीयता की रक्षा ज़रुरत है।बीच में ही रहस्य खुल जाएँ तो परिणाम दुखप्रद होगा।
कुरल: कडैक कोट्कच सेय्तक्क तान्मै यिडैक कोट्किन यटरा विलुमंतारुम।
g.u.pope---SO TO PERFORM AN ACT AS TO PUBLISH IT ONLY AT ITS TERMINATION ON IS TRUE MANLINESS;FOR TO ANNOUNCE IT BEFOREHAND ,WILL CAUSE IRREMEDIABLE SORROW.
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