वल्लुवर चेहरे को मन की बातें समझने का यन्त्र कहते हैं।
वल्लुवर ने राजा से कहा---जिस मंत्री में राजा के चेहरे से उनकी योजनायें और विचारों को जानने की क्षमता है, उसे हमेशा अपनी सहायता के लिए पास ही रखना है।सकुशल मंत्री की मांगें पूरी करनी चाहिए; अपने दस *अंगों में एक को मांगने पर भी देकर उसे अपने पास ही रखने में ही राजा को और राज्य को भला है।
राजा के* दस अंग है--देश,शहर,नदी,पहाड़,हाथी,घोड़ा,रथ,माला,झंडा,ढोल आदि।*
कुरल: कुरिप्पिर कुरिप्पुनर वारै युरुप्पिनुल यातु कोडुत्तुंग कोलल .
चेहरे की विशेषता बताने के बाद आँखों की विशेषता भी बताते हैं।आँखों के बारे में संसार के करोड़ों से ज्यादा कवियों ने अनेक भाषाओँ में जिक्र किया है।लेकिन वल्ल्वर के कथन और उनके कथनों में ज़मीन -आसमान
का अंतर है।
वल्लुवर ने कहा --राजा की दृष्टी से ही पता चल जाएगा कि वह दूसरे राजा से मित्रता रखते हैं या दुश्मनी।
उन्हें समझने की क्षमता कुशल मंत्री में है।. राजा की लाल आँखों से दुश्मनी मालूम होगी; आंखों में सुन्दरता और आनंद मित्रता में दिखाई पडेगा।सूक्ष्म ज्ञान हम में है या नहीं ,वह आँखों के अध्ययन से ही पता चल जाएगा।
कुरल: पकै मै युंग केन्मैयुंग कन्नू रैक्कुंग कन्निन वकैमै उनर्वार्प्पेरिन।
दृष्टिकोण ,आगमन,वचन,कर्म,सहकारिता,वस्तू,दूसरों का कथन आदि को मापने की शक्ति आँखों में है।
उनको नज़रों के अंतर से ही जानने की शक्ति रखनेवाले ही अंतर दृष्टी वाले हैं।
जैसे दर्पण दूसरे को दिखाता है,वैसे ही दूसरों के मन को दिखाने वाली आँखें हैं।
वल्लुवर ने राजा से कहा---जिस मंत्री में राजा के चेहरे से उनकी योजनायें और विचारों को जानने की क्षमता है, उसे हमेशा अपनी सहायता के लिए पास ही रखना है।सकुशल मंत्री की मांगें पूरी करनी चाहिए; अपने दस *अंगों में एक को मांगने पर भी देकर उसे अपने पास ही रखने में ही राजा को और राज्य को भला है।
राजा के* दस अंग है--देश,शहर,नदी,पहाड़,हाथी,घोड़ा,रथ,माला,झंडा,ढोल आदि।*
कुरल: कुरिप्पिर कुरिप्पुनर वारै युरुप्पिनुल यातु कोडुत्तुंग कोलल .
चेहरे की विशेषता बताने के बाद आँखों की विशेषता भी बताते हैं।आँखों के बारे में संसार के करोड़ों से ज्यादा कवियों ने अनेक भाषाओँ में जिक्र किया है।लेकिन वल्ल्वर के कथन और उनके कथनों में ज़मीन -आसमान
का अंतर है।
वल्लुवर ने कहा --राजा की दृष्टी से ही पता चल जाएगा कि वह दूसरे राजा से मित्रता रखते हैं या दुश्मनी।
उन्हें समझने की क्षमता कुशल मंत्री में है।. राजा की लाल आँखों से दुश्मनी मालूम होगी; आंखों में सुन्दरता और आनंद मित्रता में दिखाई पडेगा।सूक्ष्म ज्ञान हम में है या नहीं ,वह आँखों के अध्ययन से ही पता चल जाएगा।
कुरल: पकै मै युंग केन्मैयुंग कन्नू रैक्कुंग कन्निन वकैमै उनर्वार्प्पेरिन।
दृष्टिकोण ,आगमन,वचन,कर्म,सहकारिता,वस्तू,दूसरों का कथन आदि को मापने की शक्ति आँखों में है।
उनको नज़रों के अंतर से ही जानने की शक्ति रखनेवाले ही अंतर दृष्टी वाले हैं।
जैसे दर्पण दूसरे को दिखाता है,वैसे ही दूसरों के मन को दिखाने वाली आँखें हैं।
No comments:
Post a Comment