Tuesday, June 26, 2012

18.mantriमंत्री+++++

एक कहावत है  === राजा की सजा तुरत ; देव की सज़ा  सोच-समझकर बाद में ज़रूर मिलेगी


सूखे  पत्ते में आग तुरंत लगकर उसे भस्म कर देगा;वैसे ही राजा के क्रोध के पात्र भी ;

पर  ईश्वर  की कृपा  या क्रोध, दूसरों की प्रशंसा  या निंदा पर ध्यान न देकर उचित अवसर पर सजा या पुरस्कार  देगी।-----जीवकचिंतामणी
आग तो छूनेवाले को मात्र जलाएगा;
 राजा  के क्रोधाग्नि के पात्र होनेवालों के साथ-साथ
 उनके रिश्तेदारों को भी जला देगा।---जीवकचिंतामणि

जीवक्चिंतामनि :  अरुलू  मेलारा साक्कुमन कायुमेल
वेरुलाच चुट्टीडूम  वेंदानुमा तेइवं
मरुवी मत्रवाई वाल्त्तिनुम वैयिनुम
अरुली याक्क ललित्त लंकपवो।

तींडिनार   तमैत  तीच्चुडुम    मन्नर   ती
इंदु तन किलैयोडू  मेरित्तिडुम
वेंडिलिन्न  मिर्तुं नन्जुमातलान।


कुरल:-----पोटरी  नारियवै   पोट्रल  कडुत्त  पिन   तेट्रु तल   यार्क्कुम अरितु।

राज कोप  का पात्र  बनना ठीक  नहीं है।
कोई गलती करके राजा के क्रोध का पात्र बन जायेंगे   या राजा के संदेह  के पात्र बन जायेंगे तो
उनके संदेह को दूर करना  दुर्लभ कार्य है।जितना भी होशियार हो ,फिर  भी
संदेह को  निपटारा करना असंभव है।

IT IS DIFFICULT TO REMOVE A SUPERIOR'S BAD IMPRESSION IF YOU --DO NOT DO THINGS THAT WILL NOT TOLERATED  BY THE SUPERIOR.

जो मंत्री पद पर बैठते हैं,उनकी बड़ी गलतियाँ  क्या-क्या हैं?
1. दुश्मनों  से मिलकर  अपने  राजा के पतन  का   कारण  बनना।

2. राजा  से सम्बंधित ,केवल राजा के हक़ की महिलाओं से मिलना-झुलना।

बिना  राजाज्ञ के उनके कमरे में घुसना ,राजा की चीज़ों को अपहरण करना आदि।

राजा के पतन  का साथ देने का मतलब है राजा के शत्रु से घूस लेकर शत्रु का साथी बनना।अतः  वल्लुवर 
मंत्री को इन अपराधों से बचने के लिए  सतर्क करते हैं।

मंत्री  के पद पर रह्कर  आम जनता के मामूली अपराधों  या गलतियों को भी खुद  करना अपराध है।

जब राजा पास रहते हैं,तब उनके सामने ही दूसरों के कान पर कुछ कहना या हँसना  बड़ा अपराध है।
कुरल: चेविच  चोल्लुम सेर्नत नकैयुम  अवित्तोलुकल   आरा पेरियारकत्तु.

इन साधारण गलतियों को देखकर राजा अति क्रोधित होंगे ;कारण  राजा के मन में यह  विचार  उठेगा  --
मंत्री ने  अपने बारे में ही कुछ कहा  या हँसा  होगा।


 वल्लुवर बड़ी श्रदधा  से इस  बात को समझाते हैं।
कुरल:इलैयरिन   मरैय  रेन्रिकलार  निंर  वोलियो डोलुकप्पदुम।

मंत्री को अपनी  लापरवाही आचरण से बचना चाहिए।
राजा  मंत्री  के  रिश्तेदार भले ही हो  फिर भी
इज्ज़त पर ध्यान देकर  राजा   के साथ  अनादर का बर्ताव नहीं करना चाहिए।
राजा में ईश्वरत्व है;उसे ध्यान में रखकर व्यवहार   करना चाहिए।
राजा  तुरंत  दंड देंगे।अतः राजा का अपमानित करने का मतलब है तुरंत मृत्यु को बुलाना।

जीवक चिंतामणि :
उरंगुमायिनुम मन्नावंरण ओळी
करंगु तेंडिरै   वैयंग  काक्कुमाल
इरंगु   कन्निमैयर  विलित्ते यिरुनत
तरंगल वौववदन  पुरंग  काक्कलार।

हम सोते है ;तब राजा हमारी रक्षा करता है;जब हम जागते रहते हैं,तब हमारी रक्षा न करेंगे।
जीवक चिन्तामनि  का गीत।
RESPECT THE AUTHORITY OF A SUPERIOR EVEN  IF HE IS NOT AS EXPERIENCED AS YOU ARE.

राजा अपना सहपाठी है;बचपन का सखा है;यों सोचकर अधिक अधिकार  लेंगे  तो परिणाम बुरा ही होगा।
DO NOT TAKE ADVANTAGE  OF A SUPERIOR'S FRIENDSHIP AND THUS DO WRONG.

MANTRI -SHASTRA SAMAAPTA.
मंत्री

No comments:

Post a Comment