Monday, June 18, 2012

3.mantriमंत्री=अमात्य=सामंत

जिस  मंत्री में  सहज ज्ञान है  और कई ग्रन्थ के अध्ययन से प्राप्त ज्ञान है,
उस मंत्री के मन में सुक्ष्म चिन्तन  और  ज्ञान होता है।
यह मंत्री का सुलक्षण है।
वल्लुवर कहते हैं ---ज्ञानवर्द्धक ग्रंथों  के ज्ञाता मंत्री को  कार्य  जो भी हो,
 करना आसान है।उनसे कोई काम दुश्वार नहीं है,जिसे वे नहीं कर सकता हो।

कुरल:-मति  नुट्प  नूलोड़ू  दैयार्क्कती  नुट पम   यावुल  मुन्निर्पवै .

सेयार्क्कै  अरिनतक कडैत्तु   मुलकत  तियरकै   यरिन्तु  सेयल.


मंत्री की कार्य क्षमता  केवल क़ानून के अनुसार चलने में  नहीं है,
लोक व्यवहार के अनुसार .चालू व्यवहार के अनुसार क़ानून को बदलने में समर्थ होने में है।
 वर्त्तमान पारिस्थियों  को ध्यान में रखकर आगे बढना ,
परिवर्तन की आवश्यकता समझना और समझाना मंत्री का कर्तव्य है।

कुरल:  उलकत्तोडु  ओट्ट  ओलुकल  पलकटरूम  कल्लार।

पाठशाला की शिक्षा काम की नहीं है।
कई प्रकार की शिक्षा ज्ञान और लोक व्यवहार में बड़ा अंतर है।
लोक व्यवहार  के अनुसार न चलनेवाला शिक्षित होने पर भी अशिक्षित है।
जो भी पद हो वाक् पटुता न हो तो वह अयोग्य ही माना जाएगा।
अतः  वाक् कौशल की भी अति आवश्यक है।
वाक् -शक्ति एक पदाधिकारी के लिए  संपत्ति है।
वाक् शक्ति सब से महत्त्वपूर्ण शक्ति है।

कुरल: "ना नल  मेन्नुम  नालनु ड मै   यन्नलम   या नलत्तुल्लतु  मनरू"।

ONE'S ABILITY TO COMMUNICATE EFFECTIVELY IS THE GREATEST OF AAL SKILLS.

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में सुननेवालों पर भी प्रभाव डालने की शक्ति शब्द में है।

थोड़े में कहकर अधिक समझाना शब्द शक्ति है।

वक्ता और श्रोता दोनों को सुख देने की शक्ति शब्द में है।

ध्वनि सौन्दर्यता ,अर्थ गम्भीरता ,सिलसिलेवार ढंग का प्रयोग  विशेष फलदायक है।

यह शब्द शक्ति सामाजिक क्रान्ति उत्पन्न करने में समर्थ कारण हो जाता है।

सामाजिक  परिवर्तन लाने में भाषण  प्रभावदायक    है।

कुरल:- " केट्रटार  पिनिक्कुम  तकैयवाय्क  केलारुम   वेटप  मोलित्वताज चोल।"

वल्लुवर के कुरल का अनुवाद---THE  WORLD WILL LISTEN TO ONE WHO HAS THE ABILITY TO ORGANIZE HIS THOUGHTS AND SPEAK EFFECTIVELY. 

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