Wednesday, June 20, 2012

7.ministerमंत्री=अमात्य=सामंत++++



एक मंत्री को " चेहरा संकेत अध्ययन ग्रन्थ" को भी पढ़ना आवश्यक है।(the Knowledge of indications0
राजा   जो सेवा करना चाहते है,उसे उनके चेहरे के संकेत अध्ययन द्वारा जाननेवाला मंत्री देश के आम लोगों के लिये बहु-मूल्य आभूषण के सामान होते हैं। इसे अंग्रेजी में  'understanding another's stat of mind ';the ability to understand another's state of mind will be a great asset'  कहते हैं।

kural:  कूरामै  नोक्किक कुरिपरिवा नेज्ञान्रुम  मारा  नीर वैयक कनी।


सजीव शरीर तो ऊंचे स्तर  पर है;निर्जीव शरीर का कोई महत्व नहीं है;शरीर के अंग अलग -अलग है तो वह जड़ ही है।लेकिन वल्लुवर  ने  चेहरे  को चेतन और सजीव माना।
एक  व्यक्ति का मनोभाव चेहरे से ही मालूम होता है;एक मनुष्य  का सुख-दुःख-हर्ष-उल्लास-शोक आदि चेहरे में से ही मालूम होता है;

कुरल: मुकत्तीं मुतुक्कुरैंत  तुन्ड़ो  वुवप्पिनुम   कायिनुम तान मुन्तुरुम।
is there anything so full of knowledge as the face?(no)it precedes the mind ,whether (the later)pleased or vexed.
मनोंमनियम ग्रन्थ में   प्रोफसर  मीनाक्षी सुन्दरम पिल्लई  अपने तमिल-मात्रु  वंदना गीत में भारत देश में
अतुलनीय सुन्दर  वदन   तमिल कहते हैं।
तमिल:  नीरारुंम  कड लुतुत्त  निलामडन तैक  केलिलोलुकुम   सीरारुम  वदनमेन तिकल भरतक
खंड  मतिल।

आकाश में पूर्ण चाँद देखा।वन में एक सुन्दर महिला देखा।आकाश के पूर्ण चन्द्र-- समान औरत का चेहरा देखा।

वदन तो चंद्रबिम्ब है; आदि पद्यों में मुख का वर्णन देखते है।मुख तो उपमा , रूपक,उत्प्रेक्षा आदि तीनों अलंकारों में वर्णित है;
वदनमे  चन्द्र बिम्बमो (तमिल)
वानिल मुलु मतिऐक  कंडेन
वनत्तिल  ओरु पेंनैक कंडें
वाना मुलु मतिऐप  पोले
मंगैयवल   वदनम  कंडेन



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