Thursday, June 28, 2012

2.साधुतामहान।साधु/ उत्कृष्ट आदमी।

तिरुक्कुरल  अमृत में अधिकांश  कुरल मनुष्य के बड़प्पन ,शिक्षा और महानता पर जोर देते हैं।

वल्लुवर का उद्देश्य हर मनुष्य को योग्य नागरिक बनाना और उच्च स्तरीय व्यक्ति बनाना।

    धर्म, अर्थ,काम के  तीनों   भागों   में स्त्री और पुरुष में दूध में छिपी घी की तरह बड़प्पन के विचार हैं।

अर्थ अध्याय में  जैसे कुरल ज्यादा है,वैसे ही बड़प्पन के विचार भी अधिक हैं।
धर्म तो बड़प्पन की व्याख्या करता है।

काम अध्याय में नायक,नायिका के चिंतन,संभाषण व्यवहार में बड़प्पन की बातें हैं।

जो उस अध्याय का गहरा अध्याय करते हैं ,वे इस बात को विस्तार से समझ सकते हैं।

अर्थ  अध्याय में नागरिकता के सम्बन्ध में बतानेवाले तेरह अधिकारों में नागरिकता ,मान,बड़प्पन ,लोभ,

महानता,नम्रता,लज्जाशीलता,नागरिक के कार्य -के वर्गीकरण,कृषि,आदि बातों पर प्रकाश डाला गया  है।

No comments:

Post a Comment