Monday, June 25, 2012

16.mantri/मंत्री++++


कुरल:
अन्बरी वराय्न्त  सोल्वंमै  तूतू  उरैप्पार्क्कू  इन्रियमैयात  मूनरु।

दूत के गुण हैं --अपने राजा से प्यार,वाक्-पटुता जिससे श्रोता और वक्ता दोनों को सुख मिलें,अपने पेशे का पूर्ण ज्ञान।

कुरल : अरिवु,उरु,आराय्न्त  कलवी ,इम्मून्रण  सेरिवु  उडैयान  सेलक  विनैक्कू।

G.U.POPE---LOVE (TO HIS SOVERIGN),KNOWLEDGE(OF HIS AFFAIRS)AND A DISCRIMINATING POWER OF SPEECH,(BEFOORE THE SOVERIGN)ARE THE THREE SINE QA NON QUALIFICATIONS OF AN AMBASSADOR.
वल्लुवर के कुरल  का अनुवाद पोप ने खूब किया है।
दूत का लक्ष्य है   अपने राजा की भलाई में अपने प्राण  का   तजना।

विदेशी राजा से बोलते समय कई प्रकार के संदेश कहने होंगे।मूल-रूप,तुलनात्मक रूप,सक्षेप-रूप,आदि कहते समय, कठोर शब्दों को तजकर मधुर वचनों से श्रोता को आनंदित करके, अपने राजा के पक्ष में  सफलता दिलाना  योग्य दूत का काम है।


कुरल: तोकच  चोल्लीत   तूवात  नीक्की   नकच्चोल्ली   ननरी  पयाप्पतान  तूतू .


AN AMBAASADAR MUST BE TACTFUL WHEN COMMUNICATING DEDICATE ISSUES.
इन गुणों के अलावा  और कुछ गुणों की आवश्यकता पर भी वल्लुवर देव कहते हैं।

विदेशी राजा से बर्ताव करने का ढंग ,मिलने का समय और स्थान के अनुकूल बोलना भी दूत के लिए आवश्यक गुण है।

G.U.POPE ---AN AMBASSADAR MUST FOLLOW PROTOCOL TO COMMUNICATE THE RIGHT ISSUES EFFECTIVELY AT THE RIGHT TIME AND AT THE RIGHT PLACE.
दूत को अपने राजा के सन्देश देने में अपने प्राण को भी खतरा होसकते हैं।फिर भी निर्भयता से अपने राजा के संदेश सुनाकर अपने राजा के  कल्याण करने में दत्त-चित रहना दूत का फ़र्ज़ होता है।
G.U.POP--DEATH TO THE FAITHFUL ONE HIS EMBASSY BRING.TO ENVOY GAINS ASSURED ADVANTAGE FOR HIS KING.

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