पांडियन अरिउडै नम्बी संतान संपत्ति के बारे में लिखा है-------
बड़े-बड़े अमीर भी ,जो अनेकों को खिला पिलाकर,
कईयों के साथ खाते हैं;
पर उनको भी अपने छोटे शिशु के रौंदे -खाए .
बचे खाना स्वदिष्ट लगेगा|
।अपने जीवन में पुत्र-रत्न पाने से
और बड़ी संपत्ति नहीं हैं।
मोह्नेवाले बच्चे के रहने पर और कोई कमी नहीं है जीवन में।
तमिळ :--
पडैप्पू पल पडैत्तु पलरोडुन्नुम
उडै पेरुम सेल्वारायिनुम इडैपडक
कुरु कुरु नडन्तु सिरुकै नीट्टी
यिट्टू तोटटूंग कव्वियुम तुलन्तुम
नेय्युडै यडिसिल मेय्पड वितिर्तु
मयक्कुरु मक्कलै यिल्लोर्क्कू
बयक्कुरै यिल्लाई ताम वालूम नाले।
इस लम्बी कविता को वल्लुवर ने डेढ़ ही वाक्य में लिखा है।
बड़े-बड़े अमीर भी ,जो अनेकों को खिला पिलाकर,
कईयों के साथ खाते हैं;
पर उनको भी अपने छोटे शिशु के रौंदे -खाए .
बचे खाना स्वदिष्ट लगेगा|
।अपने जीवन में पुत्र-रत्न पाने से
और बड़ी संपत्ति नहीं हैं।
मोह्नेवाले बच्चे के रहने पर और कोई कमी नहीं है जीवन में।
तमिळ :--
पडैप्पू पल पडैत्तु पलरोडुन्नुम
उडै पेरुम सेल्वारायिनुम इडैपडक
कुरु कुरु नडन्तु सिरुकै नीट्टी
यिट्टू तोटटूंग कव्वियुम तुलन्तुम
नेय्युडै यडिसिल मेय्पड वितिर्तु
मयक्कुरु मक्कलै यिल्लोर्क्कू
बयक्कुरै यिल्लाई ताम वालूम नाले।
इस लम्बी कविता को वल्लुवर ने डेढ़ ही वाक्य में लिखा है।
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