Friday, June 8, 2012

mitrata kee khojhमित्रता -रिश्ता--11

मित्र  की खोज की असावधानी    मृत्यु के समय  में  भी जलन का कार्य करेगा ।
मित्र    हीनावस्था में मदद नहीं  करें  तो  उसकी चिंता आजीवन  रहेगी।

किसी एक के गुण -दोष का अनुसंधान-विश्लेषण  गहराई छानबीन करके न करें तो
अंत में वह मृत्यु  का कारण बन जाएगा।
खोज,खोज ,खोज पुनः खोज ;यों ही वल्लुवर मित्रता के चुनाव की सावधानी पर सतर्क किया है।

THINK  CAREFULLY BEFORE YOU MAKE FRIENDS FOR FRIENDSHIP WITH SOME ONE WHO IS INCOMPATIBLE WILL CAUSE SARROW.
मनुष्य गुण में विविधता हैं।समाज में मनुष्य  स्वाभाविक व्यवहार  अलग-अलग हैं।
मित्र के चुनाव में असावधानी दुःख की अतल-पाताल में छोड़ देगा।
दुःख से बचना है तो मित्र को छान -बीन करके योग्य गुणी  को मित्र चुनना है।

वल्लुवर ने बड़ी सूक्ष्मता से मनुष्य कुल की शान्ति केलिए मित्र की खोज पर अपना सन्देश दिया है।
उनका सन्देश दिल में चुभता है।दिमाग में छप जाता है।

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