Monday, June 18, 2012

2.mantriमंत्री=अमात्य=सामंत

मंत्री के लक्षण ;- मनोबल,प्रजा की रक्षा,धार्मिक ग्रंथों  का ज्ञान,राजनैतिक शाश्त्रों का ज्ञान,आदी। मंत्री  के लिए
अत्यावश्यक  ज्ञान  है। ग्रंथों में जिन बातों को अपनाना है,उनको अपनाकर ,जिनको तजना है, उनको तजकर सुशासन चलाना  मंत्री का कर्त्व्य  है।मंत्री का अपना व्यक्तित्व होता है।

kural:  वन  कण  कुडिकात्तल  कटररितलाल  विनैयो  दैन्तुडन  मानडतू    अमैच्चु .

g.u.pope----THE MINISTER IS ONE WHO IN ADDITION TO THE AFORESAID FIVE THINGS EXCELS IN THE POSITION  OF FIRMNESS ,PROTECTION OF SUBJECTS,CLEARNESS BY LEARNING AND PERSEVERANCE.
अव्वैयार का  मुक्तक पद कहता है --- तुला  में ज़रा सा कांटे के हिलने से वजन में गिरावट होगा।युद्ध में राजा पीठ दिखाता   तो    पराजय  ज़रूर  हो जाता ।यदि मंत्री बुद्धिमान हो तो शासन में ऐसी परेशानियाँ  नहीं होंगी।
चतुर  मंत्री  ही राजा का बल है।वही राजा के पथप्रदर्शक और सहायक है।

तमिल:अव्वैयार :- नूलेनिलो  कोल्सायुम नुन्तमरेल  वेंचमरम
कोलेनिलो वांगे   कुडिसायुम  --नालावान
मंत्रियुमावान  वल्क्कुत तुनैयावान
अन्त्वरावे यरसू .


वललुवर के कुरल जग-परिवर्तक है।वे कार्लमार्क्स- सा तत्व -ज्ञानी  हैं। मार्क्स ने कहा---दार्शानिक  संसार को विविध रूप से व्याख्या कर रहे हैं। लेकिन उनका उद्देश्य संसार को बदलना   होता    है।

एक  मंत्री को राजा का विश्वसनीय पात्र बनना है;रहना है।मंत्री का विश्वासघात होना राज्य और राजा के पतन का मार्ग है।अतः अविश्वसनीय मंत्री को तुरंत निकाल देना चाहिए। वल्लुवर राजा को मंत्री के विषय पर सावधान करते हैं। द्रोही मंत्री  को निष्कासन करने से करोड़ों लाभ मिलेगा।
एक अविश्वसनीय मंत्री  सत्तर  करोड़ दुश्मन के बराबर  है।सत्तर करोड़ का मतलब है--बुराई की चरम  सीमा।

कुरल: पलु तेन्नु  मंत्रियिर  पक्कात्तुत टेववो   रेलुपतु  कोड़ी  युरुम।

राजा को होशियारी से दूत के द्वारा मंत्री का चालचलन जानकर   शक का मंत्री हो तो तुरंत निकालने का सन्देश है।

the hypocrisy of a minister is more dangerous to the ruler than the combined hospitality of many enemies from outside. 


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