Wednesday, June 13, 2012

अर्द्धांगिनी------12



अतिथि  का मतलब है  निमंत्रित आदमी जो घर आया है।
अतिथि सत्कार .न्यू  comer ,guest,feast ,banquet.

प्रेमी अपने स्वप्न में आने पर  कैसे  दावत दूँ ?

कुरल:-   कातलर  तूतोडु  वन्त  कनवनुक्कू    यातु सेयवेन   कोल्विरुन्तु।


  तिरुक्कुरल  में पति-पत्नी दोनों  होड़  लगाकर मेहमान का सत्कार करते हैं।

दावत  का भाव वाचक गुण उदार दिल का परिचय देता है।
गृहस्थ -जीवन बिताने वाले पति-पत्नी दोनों अपने घर आये हुए बड़े लोग,
जितने दिन रहते हैं ,उतने दिन आवास-भोजन आदि की व्यवस्था अपने घर में करना  अतिथि-सत्कार है।

वल्लुवर  ने कहा है ---गृहस्थ का महत्व  अतिथि सत्कार करने में ही है।


इरुन्तोम्बियल  वाल्वतेल्लाम   विरुन्तोम्बी   वेलान  सेय्तर  पोरुट्टू .(कुरल)



स्वर्ग  की  चिंता या स्वर्ग पर विश्वास रखनेवालों को दान देना ही उत्तम -गुण है।
जो अतिथि सेवा में लगे रहते हैं,वे कभी गरीबी के चक्र में नहीं पड़ते।


कुरल:-वरुविरून्तु वैकलुम ओम्बुवान  वाल्क्कै  परुवन्तु  पाल्पदुतालिंरू।


money  spent  on hospitality will not  ruin one's  home .


चिरुपंच्मूलम  कारियासन रचित ग्रन्थ है।
इसमें पत्नी के फ़र्ज़ पर कहा गया है--पति की आमदनी को जानना,

नाते-रिश्तों की सेवा करना,
अतिथि सेवा करना,ईश्वर  की प्रार्थना करना आदि
.

तमिल सिरुपंचामूलम:-

वरुवाय्क्कू  तक्क वलक्करिन्तु सुटरम
वेरुवामै वील्न्तु विरुन्तोम्बित -तिरुवाक्कुंच
तेय्वात्तई  एग्ग्यांरुम  तेतर वलिपाडु
सेयवते   पेंडिर  चिरप्पू।

 वल्लुवर कहते हैं  कि  मेहमानों को पहले खिला-पिलाकर
बची खाना खाने वाले पति-पत्नी के खेत में बीज बोने की भी आवश्यकता है क्या?
नहीं।अतिथि सेवा का फल अति अपूर्व है।

कुरल :

वित्तुमिडल  वेंडूम  कोल्लो  विरुन्तोम्बी   मिच्चिल  मिसैवान  पुलं।

When a hospitable person lives a good life by sharing his harvest generously with others he has no problems safe guarding his crops the community will come forward to help.




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