तिरुक्कुरळ --काम भाग - पतिव्रता धरम - विरह वेदना-११५१ से ११६० तक
१. पत्नी पति से कहती है कि बिछुडने की स्थिति नहीं हो तो मुझसे कहो. जाना ही आवश्यक. है तो उससे कहो
और. आग्ञा लो जो तुम्हारे वापस. आने तक जिंदा रह. सकती है.
२. पहले पति के देखने मात्र. से आनंद. होता था,अब आलिंगन के समय भी डर और दुख होता है कि उनसे बिछुडना न पडे.
३. चतुर प्रेमी के न बिछुडने की बात भी अविश्वसनीय. है क्योंकि बिछुडना तो शाश्वत. सत्य है.
४. पति ने कहा कि कभी तुम. को छोडकर. नहीं जाऊँगा. पर वचन. तोडकर चले गये तो इसमें मेरी गल्ती क्या है?
५. प्रेमी के बिछुडने पर. फिर वापस आने क़ी उम्मीद नहीं है तो पहले ही सतर्क. रहना चाहिए. कि वह छोडकर न चलें.
६. प्रेमी जो पाषाण. दिलवाला है ,वही कहेगा कि छोडकर. चला जाऊँगा. ऐसे प्रेमी से वापस आने का विश्वास रखना व्यर्थ. है.
७. प्रेमी के बिछुड. जाने की खबर लोगों को चूडियों की शिथिलता से मालूम होजाएगी. अर्थात विरह वेदना से शरीर दबली हो जाएगा.
८. नाते-रिश्ते रहित शहर में जीना दुखप्रद है. उससे अति दुखप्रद. बात है ,
प्रियतम से बिछुडकर. रहना.
९. आग तो छूने से जलाएगा,पर विरह वेदना बिछुडने पर अधिक जलाएगी
१०. .पति के बिछुडकर जाने के बाद. भी विरह. वेदना सहकर जीनेवाले जग. में
अधिक. होती हैं. (कमाने या पेशे के कारण)
१. पत्नी पति से कहती है कि बिछुडने की स्थिति नहीं हो तो मुझसे कहो. जाना ही आवश्यक. है तो उससे कहो
और. आग्ञा लो जो तुम्हारे वापस. आने तक जिंदा रह. सकती है.
२. पहले पति के देखने मात्र. से आनंद. होता था,अब आलिंगन के समय भी डर और दुख होता है कि उनसे बिछुडना न पडे.
३. चतुर प्रेमी के न बिछुडने की बात भी अविश्वसनीय. है क्योंकि बिछुडना तो शाश्वत. सत्य है.
४. पति ने कहा कि कभी तुम. को छोडकर. नहीं जाऊँगा. पर वचन. तोडकर चले गये तो इसमें मेरी गल्ती क्या है?
५. प्रेमी के बिछुडने पर. फिर वापस आने क़ी उम्मीद नहीं है तो पहले ही सतर्क. रहना चाहिए. कि वह छोडकर न चलें.
६. प्रेमी जो पाषाण. दिलवाला है ,वही कहेगा कि छोडकर. चला जाऊँगा. ऐसे प्रेमी से वापस आने का विश्वास रखना व्यर्थ. है.
७. प्रेमी के बिछुड. जाने की खबर लोगों को चूडियों की शिथिलता से मालूम होजाएगी. अर्थात विरह वेदना से शरीर दबली हो जाएगा.
८. नाते-रिश्ते रहित शहर में जीना दुखप्रद है. उससे अति दुखप्रद. बात है ,
प्रियतम से बिछुडकर. रहना.
९. आग तो छूने से जलाएगा,पर विरह वेदना बिछुडने पर अधिक जलाएगी
१०. .पति के बिछुडकर जाने के बाद. भी विरह. वेदना सहकर जीनेवाले जग. में
अधिक. होती हैं. (कमाने या पेशे के कारण)
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