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Friday, April 29, 2016

तिरक्कुरळ- काम भाग- एक पक्षीय प्रेम --११९१ से १२००

 तिरुक्कुरळ -काम भाग- एक. पक्षीय  प्रेम-११९१ _--१२००

१. जिससे  प्नेम  हो गया ,  उसका प्रेम मिल गया  तो मतलब है , बीज रहित फल मिल गया.     निर्विघ्न प्रेम  मिल गया.

२.  प्रेमी  का प्रेम   उचित. अवसर. पर.  मिलना,    मौसमी वर्षा के  समान है जो जीने के लिए  अत्यंत आवश्यक. है.


३. प्रेमी सदा साथ रहने  के निश्चित बंधन में  ही  जीवन का बडप्पन है.

४. प्रेमी द्वारा घृणित नायिका  सुकर्म का पात्र नहीं  है.

५. जिससे हम प्रेम करते  हैं ,  वे प्यार. न. करें तो कोई सुख नहीं मिलेगा.

६. एक पक्षीय  प्रेम से कोई सुख न मिलेगा. काबडी के भार के समान दोनों पलडे एक ही होना जरूरी  है.

७. एक पक्षीय प्रेम में काम की पीडा को प्रेमी महसूस नहीं करेगा. प्रेमी का विवर्ण होना समझेगा नहीं'

८. अपने बिछुडे प्रेमी  से प्यार का मधुर शब्द  न प्राप्त नायिका के समान असहनीय दुख झेलनेवाली और कोई नहीं हो  सकती.

९. प्रेमी का प्यार. न. मिलने  पर. भी प्रेमी की प्रसिद्धी और प्रशंसा  के शब्द प्रेमिका को सुखप्रद ही रहेगी .

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