९०१ से ९१० तक ... तिरुक्कुरल --अर्थ भाग --काम शास्त्र भाग
१. गृहस्थ जीवन को अधिक चाहनेवाले ,
कर्तव्य निभाने पर भी नाम नहीं पायेंगे .
प्रशंसा का पात्र भी नहीं करेंगे.
२. अपने कर्तव्य की चाह न करके ,स्त्री के पीछे जानेवाले लोगों के शर्मिन्दा होना पड़ेगा.
३. बद- गुणवाले पत्नी को सुधारने के प्रयत्न न करके पत्नी से विनम्र व्यवहार करने वाले अच्छे लोगों के सामने लज्जित होकर खड़े रहेंगे.
४. पत्नी के डर से गृहस्थ जीवन करने जो डरता हैं ,उसकी तारीफ कोई नहीं करेंगे.
५. पत्नी से डरनेवाले दूसरों की भलाई नहीं करेगा और कर्तव्य करने को भी डरेगा.
६. देवों के जैसे लोग भी पत्नी के सुन्दर बाँहों के मोह में रहने वाले पौरुष के बड़प्पन खो जायेंगे.
७. पत्नी की आज्ञा मानने पौरुष से अति प्रशंसनीय हैं लज्जालू स्त्री .
८. पत्नी के इच्छानुसार चलनेवाले अपने दोस्तों के कष्ट दूर नहीं करेंगे और कोई भले काम में नहीं लगेंगे.
९. पत्नी की बात मानने वाले धर्म -कर्म में आर्थिक सहायता न करेंगे ;
अर्थ कमाने के प्रयत्न में भी नहीं लगेंगे.
१०. अच्छे विचारवाले और शुभ चिन्तक पत्नी की बात मानने की गलत व्यवहार न करेंगे.
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१. गृहस्थ जीवन को अधिक चाहनेवाले ,
कर्तव्य निभाने पर भी नाम नहीं पायेंगे .
प्रशंसा का पात्र भी नहीं करेंगे.
२. अपने कर्तव्य की चाह न करके ,स्त्री के पीछे जानेवाले लोगों के शर्मिन्दा होना पड़ेगा.
३. बद- गुणवाले पत्नी को सुधारने के प्रयत्न न करके पत्नी से विनम्र व्यवहार करने वाले अच्छे लोगों के सामने लज्जित होकर खड़े रहेंगे.
४. पत्नी के डर से गृहस्थ जीवन करने जो डरता हैं ,उसकी तारीफ कोई नहीं करेंगे.
५. पत्नी से डरनेवाले दूसरों की भलाई नहीं करेगा और कर्तव्य करने को भी डरेगा.
६. देवों के जैसे लोग भी पत्नी के सुन्दर बाँहों के मोह में रहने वाले पौरुष के बड़प्पन खो जायेंगे.
७. पत्नी की आज्ञा मानने पौरुष से अति प्रशंसनीय हैं लज्जालू स्त्री .
८. पत्नी के इच्छानुसार चलनेवाले अपने दोस्तों के कष्ट दूर नहीं करेंगे और कोई भले काम में नहीं लगेंगे.
९. पत्नी की बात मानने वाले धर्म -कर्म में आर्थिक सहायता न करेंगे ;
अर्थ कमाने के प्रयत्न में भी नहीं लगेंगे.
१०. अच्छे विचारवाले और शुभ चिन्तक पत्नी की बात मानने की गलत व्यवहार न करेंगे.
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