Friday, July 13, 2012

1.नागरिकोंकोडरानेवालेकर्मनकरना

नागरिकों  को डरानेवाले कर्म  न करना 

जो भगवान पर विशवास  रखते  हैं,
  उनके लिए न्यायाधीश  भगवान  मात्र  नहीं  है,

 भगवान् के ऊपर  दिखाई  पड़ेंगे।

कब तक ऐसा विशवास  होगा?

न्यायाधीश  जब  एक निरपराधी  पर के झूठे  आरोप  पर ,

वह निरपराध  का फैसला  सुनाया जाता है,तब तक।

निरपराधी  के विचार  के विरुद्ध  न्याय  उल्टा  सुनाने पर ,

उनको  वकील,न्यायाधीश आदि सब के सब डरानेवाले ही नज़र  आयेंगे।

 इसलिए वल्लुवर  का तमिल शीर्षक" वेरुवंत सेय्यामै " का  मतलब  है --
"नागरिकों को डराने का  कार्य  न  करना".

बड़े ज्ञानी  अन्नादुरै  ने उल्लेख  किया है ----क़ानून  एक अंधेरा   कमरा है;

उस में वकील  का  वाद   एक दिया  है;

उसका प्रकाश गरीबों  को  नहीं  मिलेगा।
 उनका कथन  सच है तो वह न्याय  विभाग के ड़रानेवाला कार्य  है।

कई  अपराधी  बच  सकते  हैं;लेकिन एक निरपराधी  को  दंड  मिलना नहीं  चाहिए।

 इस  कथन  के विरुद्ध  सैनिक-बल,अर्थ-बल,शारीरिक-बल आदि बलों  के द्वारा
अपराधी  बचते  रहें तो वह न्याय विभाग का  फैंसला   डरानेवाला क्रूरता-पूर्ण  कार्य  है।

इससे  डरानेवाले कार्य को  न   करना  और  न्याय -विभाग के घनिष्ट  सम्बंध  का
  स्पष्ट रूप सेप्रकाशित होता  है।

इस  अधिकार  में न्याय , दंड  से  सम्बंधित  तंग  करना,

 अपमानित कर देना,मारना,डराना,कठोर -वचन,. सजा,आदि शब्द
 वल्लुवर के   द्वारा प्रयोग किये गए हैं।

एस.रत्नकुमार   डरानेवाले कार्य  न करने को अंग्रेजी  में  (TYRANNY) कहते हैं।

 इस  शब्द  के अर्थ  ही डरानेवाले हैं।

इस शब्द  के अर्थ  ही तानाशाह , अत्याचार,अत्याचार -पूर्ण  कार्य,दमनपूर्ण-कार्य  आदि हैं।

एक  शासन  में ये  सब नहीं  होना चाहिए।

न्यायालय  में  ये सोचकर देखना  नहीं  चाहिए।

सैनिक न्यायालय में भी  ये नहीं होना चाहिए।

ऐसी  हालत में   राज-शासन, या लोकतंत्र  शासन

शासन  जो भी हो, उसमें  तानाशाही   या अत्याचारी    न होना चाहिए।

यही वल्लुवर महोदय  ने अपने  कुरल में लिखा है।


उनका पहला कुरल ही   इस  बात पर  जोर  देता है।

कुरल:-"-तक्कांग नाडित  तलैच चेलला वन्नत्ताल   ओत्तान्गु ओरुप्पतु  वेंतु।

जो भी अपराध  हो,उसे सही ढंग  से शोध करके ,

अपराधी  को ऐसा दंड  देना चाहिए,
जिससे वैसा अपराध  दुबारा  न हो।

 वैसे  सरकार  की  सहायता  से चलनेवाले न्यायालय में

न्याय  देनेवाले न्यायाधीश का कर्तव्य भी

यही  हो  सकता  है।

 यही  तिरुवल्लुवर  सत्यवादी  का कथन है।

IT IS A RULER'S  DUTY TO INVESTIGATE,PUNISH,AND DETER THE WRONG DOINGS.

इसे  पोप  ने  यों अनुवाद किया है  क़ि   " ABSENCE OF TERRORISM."

 उन्होंने  "TYRANNY" अनुवाद को  नहीं  बदले।

इस आधार पर  उन्होंने  अपने अनुवाद को ज़रा  विस्तार से  किया है ---

   HE   IS  A KING WHO HAVING EQUITABLY EXAMINED (ANY INJUSTICE WHICH HAS BEEN  BROUGHT TO HIS NOTICE) SUITABLY PUNISHES IT,SO THAT IT MAY NOT BE AGAIN COMMITTED.
पोप  ने विश्लेषण  करके  यह अनुवाद किया है।







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