Thursday, July 12, 2012

nyaayaadhipati-14.

वल्लुवर  के   कुरलों को  उचित  व्याख्या  करनेवाले  जी .यू .पोप   की  तारीफ  करना  ही  उचित  सत्कार होगा।

 आगे  वल्लुवर  कहते    हैं   कि  एक  मनुष्य  को  सहानुभूति  अधिक    होनी  चाहिये।
जिसको दंड देने का सहज  गुण है,उसके  साथ भी  दयापूर्ण  -दृष्टिकोण   से  उनके 
अपराधों को  सहकर ,उसको  ऐसी  भलाई  करनी चाहिए,जिससे   उनको अपने   कर्म  के  लिए   लज्जित  होना पड़ें।

कुरल:-- ओरुट्टाटरूम  पनपिनार   कन्नुम  कन्नोडिप    पोरुत्ताटरूम  पंबे तलै .

EMPATHIZE WITH  THOSE WHO  HAVE WRONGED YOU  FOR SUCH EMPATHY IS THE ULTIMATE  IN QUALITIES.
जी।यू।पोप   ने इसका और भी स्पष्ट  रूप  में अनुवाद किया  है।
 patiently to  bear  with   and show kindness to those who grieve us ,is the most excellent  in qualities.

वल्लुवर  के  मन की चाह यह  है  कि    हमको या दूसरों  को किसीने बुराई  की है तो भी उससे हमारा व्यवहार सहानुभूतिपूर्वक  होना चाहिए।यह गुण न्यायाधीशों को  भी आवश्यक  है।
अतः न्यायाधीशों  के गुणों में  यह सहानुभूति  का अवलोकन   भी आवश्यक  है।

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