Tuesday, July 17, 2012

शासक-7

एक शासक के चिंतन  केलिए।


जी में प्रकाश  होने पर बोली में मिठास होगी। उसके बाद  कर्म में दृढ़ता होगी। सब को बल देते हैं कि  सोचकर काम करो।वल्लुवर ने मार्ग दिखाया हैं कि  सोचकर  काम में साहस  दिखाओ.


पोक्कियार  नामक कवि  ने  लिखा है :-

अरसियल ऐऐंदु  अमैच्चियल ईरैन्तु 

उरुवल्लरनइरंडु   ओंरू ओण   कूल-उरुवियल 
तिण प् डै   नत्पुपथिनेलु कुड़ी पतिं  मूंरू 

एन्पोरुल एलाम  इवै .

उपर्युक्त  तमिल  कविता  का भावार्थ  :-

अर्थ -भाग में राजनीती के लिए पच्चीस अधिकार,मंत्रित्व  के लिए दस अधिकारं दूर सुरक्षा के लिए दो अधिकारं,अर्थ-शास्त्र के लिए एक अधिकार,सैनिक -शास्त्र के लिए दो अधिकारं,मित्रता  के लिए सत्रह अधिकारं 
आदि  कुल मिलाकर  सत्तर अधिकारं  तिरुक्कुरल में हैं।
पोक्कियार  के आधार पर पहले  विचार करने का अधिकार  है  राजनीति का ज्ञान.
इस अधिकार  में प्रवेश होने के पहले ,साक्रतिस  का एक विचार ,जो अरिस्तातिल अपनी राजनीति में नामक ग्रन्थ के दूसरे भाग में  लिखा  है, उसे उल्लेख करना उपयुक्त  होगा।

ताने -बाने  के ऊन के सूत  अलग-अलग ऊन  के सूत से बनाए जाते हैं।फिर एक हो जाते हैं।वैसे ही शासक और शासितों का सम्बन्ध होना चाहिए।तभी शासक और शासित  मानसिक संतोष से जी सकते हैं।
उसके लिए बड़े होशियार,अभ्यस्त  और ज्ञानी  की आवश्यकता है।ऐसे व्यक्ति को प्रदान करने के लिए 
तिरुवल्लुवर महोदय  ज्ञान  अधिकारम  के साथ तैयार खड़े हैं।
सरकार  राजनीती के अंतिम सर्वोच्च  अधिकारं है।इसे समझने के लिए ज्ञान की जरूरत है।
तिरुक्कुरल :- 
अरिवु अटरम  काक्कुम  करुवी सेरुवार्क्कुम 
उल्लालिक्कल आका अरण।
ज्ञान  एक ऐसा  अधिकार है,वह शासक को मात्र नहीं बचाता;वह दुश्मन से भी बचानेवाला एक सुरक्षित दुर्ग है।
ज्ञान क्या है?
जानना (PERCEPTION,KNOWING,UNDERSTANDING)
जाना हुआ  समाचार (KNOWLEDGE)
ज्ञान  की सूक्ष्मता (WISDOM)
बुद्धि (INTELLIGENCE)
इन चारों का एकत्रित रूप ही ज्ञान हैं।हमें यह सोचना चाहिए कि ज्ञान को वल्लुवर महोदय ने अत्यंत आवश्यक मानकर ही  उस अधिकारं को इतना महत्त्व दिया है।इस अधिकार के दस कुरलों में ज्ञान के अर्थ के शब्द का प्रयोग किया है।
A PERSON 'S ABILITY TO THINK ,REASON,AND UNDERSTAND PROTECTS HIM LIKE THE FORTRESS  TO A GARRISON FROM SURPRISES. --S.RATNAKUMAAR.

G.U.POPE:--WISDOM  IS A WEAPON TO WARD OFF DISTRUCTION;IT IS AN INNER FORTRESS WHICH ENEMIES CANNOT DESTROY.
इससे ज्ञान की शक्ति   समझ में आती है।



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