Friday, July 13, 2012

2.नागरिकोंकोडरानेवालेकर्मनकरना

इसके अगले  कुरल में एक सुशासक का अवलोकन और तटस्थ  नयायाधीश  के गुण  पर  पूर्णचंद्र -सा रोशन डाला गया  हैं।

एक अपराधी  को गवाही के  पिंजड़े  में देखकर आम लोग  उसके क्रूर कार्यों  को याद करके उसके  बारे में कई क्रोध पूर्ण  प्रश्न  और वाक्य प्रकट होंगे।

क्या इसके लिए पूछ-ताछ की जरूरत है?
 इसको यों ही   तंग -वध  करना चाहिए।
क्यों इसको अब तक फाँसी  पर नहीं चढ़ाया?
इसपर   पत्थर   मारकर  ह्त्या करनी चाहिए।
लेकिन    न्यायाधीश  को एक साधारण  मनुष्य -सा  व्यवहार नहीं  करना  चाहिए।

वल्लुवर  कहते  हैं  कि  दंड दे ने के पहले  जो पूछ-ताछ  करते  हैं,वह अति कठोर होना चाहिए। दंड तो  जरा कम ही देना चाहिए।हमें हाथ  उठाते समय  पूरा बल दिखाना  चाहिए, जिससे शत्रु काँपे ; लेकिन उसी तेज़ी से उसपर मार नहीं पडना चाहिए। हमारे हाथ उठाने  मात्र से ही अपराधी  को अपने को सुधार लेने  का निश्चय कर लेना चाहिए।   कठोरता दिखाकर  धीरे शस्त्र   प्रयोग करो।या  फेंको।कितनी उलट बांसियाँ हैं इस कुरल में।।यही साहित्य कला है।

कुरल:--कटीतू ओच्ची मल्ला एरिक  नेडितु  आक्कम   नीन्गामै  वेंदुपवर .


  IN ORDER TO ENSURE THAT HE CONTINUES TO REIGN A RULER  MUST ROGOROUSLY TO IVESTIGATE A WRONG DOING AND YET  SHOW KINDNESS WHEN METING OUT THE PUNISHMENT.

अपने को एक तमिल विद्यार्थी   के रूप में सूचित करने  में  अभिमान   रखनेवाले  जी।यू।पोप  इस कुरल की व्याख्या  यों देते हैं--

  LET THE KING WHO DESIRES  THAT HIS PROSPERITY MAY  LONG REMAIN COMMENCE HIS PRELIMINARY ENQURIES WITH STRICTNESS AND THEN PUNISH WITH MILDNESS.

एक राजा कठोर शब्द  बोलता  है  और उसमें  सहानुभूति का अवलोकन नहीं है तो उसका अपार संपत्ति जलदी  ही बरबाद  हो जायेगी।

कदुन्चोल्लन   कन्निलन  आयीन  नेदुंच सेलवम   नीडु  इनरी  आंगे केडुम।

कठोर शब्द  और सहानुभूति रहित अवलोकन  के शब्द -बल पर  वल्लुवर के साहित्य  की रूचि अनुभव करने योग्य है।
 if a ruler is unkind  and inconsiderate  his government will not last long.
इसमें"" unkind"" ",inconsiderate " दोनों   शब्दों  के अर्थ-गंभीरता  हमारे शोध  का  विषय है।

जी।यू।पोप  ने इसकी व्याख्या  निम्न प्रकार से की है;-

 the abundant wealth of the king whose words are harsh and whose looks are void  of kindness will
instantly perish instead of abiding long with him.
कठोर  शब्द  और कठोर दंड और दंड की चरमसीमा राजा की  सफलता  के बल को घटाने और काटने का आरा
 हो जाएगा।

कुरल:-  कडू  मोलियुम कै  इकंत डंड्मुम  वेन्दन   अडू मुरन तेय्क्कुम अरम।

वल्लुवर कठोर शब्द  के विलोम शब्द  मधुर शब्द  बोलने के सम्बन्ध में एक अधिकार  ही लिखा है।

मीठी बोली के रहते,कठोर शब्द  बोलना  ऐसा  है ,जैसा  पके फल के  रहते ,कच्चा  फल तोड़ना।

कुरल: इनिय उलवाक  इन्नात  कूरल ,    कनी   इरुप्पक  काय  कवर्न्तट्रू .

डरानेवाले कर्म  में  वल्लुवर ने कठोर शब्द बोलने से होनेवाले दुःख और मधुर वचन बोलने से होने वाले सुख
दोनों को बताते हैं।
A RULER'S HARSH WORDS  AND EXTREME PUNISHMENTS  WILL CAUSE AN UNPRISING  AMONG  HIS PEOPLE AND HENCE WILL ERODE HIS POWER.
यहाँ  "HARSH WORDS",'EXTREME PUNISHMENT"  केवल  राजा के लिए  मात्र नहीं,न्यायाधीश  केलिए भी ठीक लगेगा।

राजा कठोर शब्द और असीम दंड  देगा तो वह नौ  दो  ग्यारह हो जाएगा; भले ही वह प्रबल राजा हो और ना पाया हो।
G.U.POPE;--  SEVERE WORDS AND EXCESSIVE PUNISHMENTS WILL BE A FILE TO WASTE AWAY A KING'S POWER FOR DESTROYING.
ऐसे  एक राजा और न्यायाधीश  दोनों को एक साथ न्याय के लक्षण  बतानेवाले वल्लुवर को न्यायाधिपति
कहकर तारीफ़ करना  एक निम्नतम महत्व की ही निशानी  है।

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