Wednesday, July 4, 2012

8.साधु/ महान/ उत्कृष्टआदमी

धर्म   भाग  में  वल्लुवर "अनुशासन" नामक एक  अधिकारं   लिखा  है।

इस अधिकार के दस  कुरलों में  अनुशासन के महत्व पर अपने विचार प्रकट करते हैं।.

नाना प्रकार के करोड़ों के मूल्य की चीज़ें  देने पर भी उच्च कुल में जो पैदा होते हैं  ,वे अनुशासन हीन काम नहीं करेंगे।.
वे अपने कुल को अपमान करने वाले काम नहीं करेंगे।

कुरल:   अटुक्कीय  कोडी  पेरिनुम कुडिप पिरंदार   कुन्रुव  सेय्तल  इलर।

.यहाँ करोड़ का मतलब है स्वर्ण मुद्राएँ।
.घूस और दान के रूप में पानेवाले धन रूपये--पैसे के आधार पर होता है।
.यहाँ वल्लुवर का करोड़ शब्द का मतलब है --
करोड़ स्वर्ण  मुद्राएँ।.
तमिल में  --कमल (तामरै))---करोड़ ;संघ---दस करोड़ ;भरत==लाख करोड़ .
इतनी स्वर्ण -मुद्राएँ उच्च कुल  में जन्मे महान आदमी को बुरे कर्म करने को प्रेरित नहीं कर सकतीं।.
G.U.POPE==THOUGH BLESSED WITH IMMENSE WEALTH ,THE NOBLE WILL NEVER DO
ANYTHING UNBECOMING.

वल्लुवर अच्छे कुल,विशेष कुल,उच्च कुल आदि   तीनों  की व्याख्या   निम्न कुरल में  की  है==
          दान--देते--देते गरीब होने पर भी,कुल्वाले अपने दान देने  कर्म करते रहेंगे।
.उस दान -कर्म  से पीछे नहीं हटेंगे।.


कुरल:- वलंगुवतुल   वील्न्तक  कन्नुम  पलंगुडि   पणपिट रलेप  पिरीत  लिंरू।

   
इसी कुरल के अर्थ में नल्वली  नामक ग्रन्थ  के पद्य   यों है::--

नदी के बाढ़ सूखने पर भी ,रेत  गर्म होने पर भी
,
खोदने पर स्रोत का पानी,  देती  रहती है नदी।
.
वैसे ही उच्च -अच्छे कुल के लोग अपनी दीनावस्था में भी,

मांगने वाले से  नहीं का शब्द प्रकट नहीं करते; देते रहते।.


तमिल:

आटरूप  पेरुक्कट रडि सुडू  मन्नालुम  ऊटरूप पेरुक्कालुल  कू टटुम --एटरतोरु
नल्ला कुडिप्पिरंतार  नाल्कूर्न्तारा  नालुम  इल्लै  एन  माट्टार  इसैन्तु।



only HUMANS HAVE THE POTENTIAL FOR KINDNESS AND UNDERSTANDING TOWARDS FELLOW HUMANS;A WELL-NURTURED PERSON WILL NOT COMPROMISE THIS QUALITY EVEN IN POVERTY.-G.U.POPE.

वल्लुवर  ने प्राचीन  नागरिक (पलन्गुडी ) शब्द  का प्रयोग किया है।.इसका मतलब आदि वासी नहीं है।.(TRIBE NO).इसका मतलब है प्राचीनता।प्राचीन परंपरा से प्राप्त मान मर्यादा।.































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