Saturday, July 21, 2012

वल्लुवर  आगे  "अर्थ"  के  महत्व  के बारे  में कहते  हैं।अर्थ  अर्थात  धन  रंक और राजा दोनों के लिए आवश्यक  हैं।   गाडी  के चक्र सही रूप से घूमने  के   लिए   ग्रीज़  की जरूरत है, वैसे ही जीवन चक्र  बिना घिसे चलने  के लिए  धन  रुपी  ग्रीज़  की जरूरत है। वल्लुवर महोदय  धन  का बड़ा आदर देते हैं।
सांसारिक  जीवन  जीने  के लिए  भोजन   के  लिए संग्राम  करना पड़ता  है।भोजन  के  लिए धन की ज़रुरत है। राजा को देश  के शासन  के लिए धन चाहिए।अकेले  आदमी को  अपने परिवार  के लिए धन  चाहिए।
अर्थ के बिना जीवन निरर्थतक  हो जाएगा।

राजा और मंत्री दोनों आपस  में सलाह-मशविरा  करके देश की आमदनी बढ़ने की योजनायें बनाते हैं।इन में मुख्या  है  जनता से कर वसूल करना;शत्रुओं  और दोस्तों से धन   जमा करने का मार्ग ढूँढना ;इसमें  राजा को अपने प्रजा की आय का भी योजनाएँ  तैयार करनी पड़ेगी।राजा की सुरक्षा के अधीन कई उद्योग -धंधे शुरू करके आमदनी का प्रबंध करना भी सम्मिलित है।

अर्थ -खोज  अधिकारम  के  दस कुरलों   में वल्लुवर ने चौदह  बार अर्थ शब्द  का प्रयोग  किया है।कुरल के तीन भागों  में वल्लुवर ने "अर्थ" भाग को अधिक प्रधानता  दी है।वैसे ही अर्थ-खोज  अधिकार को भी अधिक महत्व  दिया है। यह तो सोचने का विषय बन गया।
अर्थ-खोज  का पहला कुरल:-
 पोरुल  अल्लवरैप   पोरुलाकच  चेय्युम   पारुल  अल्लतु  इल्लै   पोरुल .

 पोरुल  तमिल  शब्द  का  हिंदी "अर्थ" शब्द  के सामान दो अर्थ होते   हैं।।1.धन .मतलब

अर्थहीन मनुष्य  जीवन को सार्थक  बनाकर प्रधान  बनाने की शक्ति धन को है।वैसे  ही सार्थक मनुष्य को निरर्थक   बनाकर  अप्रधान  बनाने  की शक्ति  अर्थहीनता में   है।

अंग्रेजी  अनुवादक इस अधिकारं  का नाम "wealth '" रखा है।
कुरल का अंग्रेजी  अर्थ:-- IT IS ONLY WEALTH THAT CAN ENHANCE THE STATUS OF A WORTHLESS PERSON.

G.U.POPE:-  BESIDES WEALTH THERE IS NOTHING  THAT CAN CHANGE PEOPLE OF NO IMPORTANCE  IN TO THOSE OF IMPORTANCE.





अमिल  

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