Monday, July 16, 2012

शासक प्रशासक--1

शासक
प्रशासक

 पहले  ही हमने  उल्लेख  किया  कि सारी  नदियाँ   सागर  में  ही  संगमित  होती  है। वैसे ही मानव  समाज  की सभी  घटनाएँ  न्याय  में संगमित होकर  परिवर्तन    हो जायेंगी। अब वह न्याय भी संगम होने का स्थान  सरकार है।

  " सत्य -वचन "  कहकर  ज्ञानियों  से प्रशंसा  प्राप्त  तिरुक्कुरल  वेद  में  बीच के सत्तर  अधिकार  राज-शासन, प्रशासन ,राजा और प्रशासक के लिए  साथ देनेवाले चिंतन ,बुद्धिपूर्ण  उपदेश  आदि बातें ही
 व्यापक रूप में  मिलते हैं।

राज्य-शासन  के लिए लाभ  देनेवाले  ज्ञान ,मंत्री,व्यक्तित्व,राज्य-महत्ता ,क्षेत्र -पहचान,गुप्तचर,अत्याचार(नीचता),समय-ज्ञान,उत्कृष्टता,रक्षा,जान-समझकर काम करना,जान-समझकर ज्ञान प्राप्त करना, शोधकर कार्रवाई लेना,सैनिक महत्त्व,बड़ों के साथ चलना ,कार्य -प्रणालियाँ,आदि अधिकारों  का सृजन वल्लुवर ने किया है।
 यूनान के  ज्ञानी  प्लेटो  ने  बढ़ती  सरकार  के बारे में  कहते  हैं-----
अच्छों  के शासन या  उच्च  लोकतंत्र बनाना  जो चाहते हैं ,वे एक गलती  करते हैं।वे  अमीरों को अधिक अधिकार देते हैं।चालाकी से लोगों को ठगने की कोशिश  में गलती करते हैं।झूठी भलाई से झूठी बुराई का  एक समय  आ  जाता  है।क्योंकि  अमीरों का अधिक स्थान  लेना ,आम जनता  के असीमित कार्यों के कारण, सरकार के पतन निश्चित   हो जाते  हैं।

कई प्रकार की शासन प्रणालियों की सूची देकर,वल्लुवर के कुरलों  की सहायता से शासकों के बारे में कुरल जो कहता है,उसपर  विचार करने से  शासन के बारे में, वल्लुवर के जो  गहरे  चिंतन  है,उसका पता चलेगा।
देखिये, शासन  प्रणालियों की सूची:-
मातृसत्तात्मक (matriarchy)

पितृसत्तात्मक(patriarchy

नगर-शासन(city state)

धर्म-तंत्र (theocracy)

राजतंत्र (monarchy)

निरंकुशता(Autocracy)

तानाशाह(dictatorship)

सीमित राजतंत्र (limited monarchy)

 संसदीय राजतन्त्र  (parliamentary monarchy)


 द्विशासन प्रणालियाँ :

  1. धर्म-गुरुतंत्र।
    (hicrocracy)
  2. अभिजात वर्ग तंत्र
    (aristocracy)

  3. अल्प-सूत्र  शासन (oligarhy)

  4. बहुसूत्र शासन(polyarchy)

  5. धनिक्शासन(plutocracy)

  6. फौजिहुकूमत  आदि।(stratocracy)

  7. लोकतंत्र  के विभाजन
  8. गणतंत्र(Republic)

  9. एकात्मक सरकार(unitary government)

  10. संघीय सरकार(federal government)

  11. समाजवाद(socialism)

  12. साम्यवाद(communism)

  13. फाज़िज़म (बंधयुक्त

  14. मज्दूर्शाही(ergatocracy)

  15. हुल्लडी बाज़ी(mobocracy ochlacracy)
    16.    सर्वतंत्र (partisocracy) आदि.

 व्यवहार में  उपर्युक्त  शासन दो  तरह के होते हैं।1.सम्प्रभुत्व शासन (benign government)  2.निरंकुश(despotic government}

होमरूल ,गृह-शासन

अन्य -शासन (xenocracy)

एकतंत्र (monocracy)

बहुतंत्र( polyarchy)

 साम्राज्य(imperialism)

राज्य(Feudalism)

संसदीय  सरकार(parliamentary)

असंसदीय सरकार(nonparliamentary)

नर-सत्ता(androcracy)

नारी-सत्ता(gynecrocracy)

पूंजीपति-सरकार(capitalistic government)

मजदूर-शाह
आदि।


तिरुवल्लुवर के जमाने  में  राजतंत्र   मात्र  था। उसके अंग  थे ---नागरिक,अर्थ,सेना,दुर्ग ,मंत्री,मित्र   आदि।

शासन  एक अमुक  क्षेत्र के अंतर्गत  था। ;   राजतंत्र  सम्प्रभुत्व  या निरंकुश  होता है।

















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