Thursday, July 19, 2012

samay

       एक बढ़िया  प्रशासक को समय की पहचान आवश्यक  है।स्थान पहचान से काल-पहचान अति आवश्यक  है।  अंग्रेजी में समय-ज्ञान  को right  timing, KNOWING THE FITTING TIME   कहते हैं।

तिरुवल्लुवर  कहते  हैं   कि   अच्छे  औजारों के साथ समय  पहचानकर  एक कार्य शुरू  करें तो  कार्य जो भी हो ,पूरा कर  सकते हैं।  क्या नहीं?

कुरल;-अरुविनै   एन्ब  उलवो करुवियान ,  कालम  अरिन्तु  सेयिन?

उनहोंने सवाल किया है?   जवाब तो नहीं  शब्द  है। और कोई जवाब नहीं है।

इस कुरल का अंग्रेजी  अनुवाद  है----
NO TASK IS IMPOSSIBLE  FOR  ONE  WHO  HAS THE  RIGHT  MEANS   AND CHOOSES  THE  MOST APPROPRIATE   TIME. इस अनुवाद में 'MOST APPROPRIATE  TIME 'शब्द पर ध्यान देना चाहिए।
जी।यू।पोप  : IS THERE ANYTHING DIFFICULT  FOR HIM TO DO ,WHO ACTS WITH (THE RIGHT) INSTRUMENT  AT RIGHT TIME?

हम तो छोटी -छोटी  बातो के लिए भी दुखी होते हैं  कि यह हम नहीं  कर सके ;लेकिन संसार को ही अपने अधिकार में लाने की योग्यता  रखनेवाले एक व्यक्ति का वल्लुवर परिचित कराते  हैं;वह आदमी निष्कलंकित
और निश्चित  दृढ़ता  से उचित काल की प्रतीक्षा  में सहशील होकर रहनेवाला है।

  कुरल:    "कालम  करुति  इरुप्पवर   कलंकातु   ग्यालम  करुतुपवर।

राजा के छे प्रकार  की क्रियाएं  हैं:--
1.मित्र बनाना,  2. विरोधी  बनाना   3.   अलग करना  4.बढ़ाना,5.  आगे बढना  6.  प्रतीक्षा  करना।
उनकी प्रतीक्षा  समय की है। उनका विशवास है   , समय जो नहीं करता,वह संसार नहीं कर सकता।

अंग्रेजी  अनुवाद: NO  ONE WHO  HAS  AN EXTRA ORDINARY  PLAN  WILL  WAIT  PATIENTLY  WILL THE  TIME  IS APPROPRIATE  TO  IMPLEMENT  IT.

G.U.POE:-   THEY  WHO THOUGHTFULLY CONSIDER  AND WAIT  FOR THE RIGHT TIME FOR ACTION ,MAY SUCCESSFULLY MEDIATE THE CONQUEST  OF THE WORLD.

जीवन की सूक्ष्मता ,टेढ़े-मेढे  रास्ते,उस पर जीवन चलाने का मार्ग  सिवा वल्लुवर के और कौन सिखा सकते है?

दुश्मन के विरुद्ध  कब शान्ति का व्यवहार करना चाहिए?कब उसपर क्रोधावेश  में   आक्रमण  सकते  हैं?

दैनिक जीवन में उनका साथ कैसे देना है?  इन सबका पथ -प्रदर्शक  वल्लुवर ही हैं।

तुम दुश्मन के कार्यों को कब तक सहते  रहोगे?  उनके अंतिम काल तक।उसके  काल आते ही, उसका  विनाश
 तत्काल  हो जाएगा।

कुरल;-  चेरू नरैक  कानिन   सुमक्क;  इरुवरै   कानीं किलक्काम   तलै .
 यहाँ   "सुमक्क" मतलब है  भार  ढोना ; शत्रु  की प्रशंसा भी एक तरह  का भार  ढोना  है।यह भार ढोना
काल की प्रतीक्षा में अपवाद ही है।

रत्नकुमार:-  A WEAKER PERSON  MUST  WAIT TILL  HIS ENEMY LOSES  THE  POWER  FOR  THAT  IS THE  RIGHT  MOMENT FOR HIM  TO ACT.
G.U.POPE:-
  IT  ONE MEETS  HIS ENEMY LET HIM  SHOW  HIM  ALL RESPECT UNTIL THE  TIME  FOR HIS DESTRUCTION  IS COME;  WHEN  THAT  IS COME  HIS HEAD  WILL HE EASILY  BROUGHT LOW.

एक  राजा  या  एक  नेता  के लिए  आवश्यक गुण है  उत्कृष्टता।  वह गुण होने पर स्वर्ण फूल का सुवास हो जाएगा।
एक शासक  को सबसे बड़ा बल है उत्कुष्टता।
कुलीनता  का  शासक  उत्कृष्टता ;इस अधिकारं में  वल्लुवर ने "कुलीनता "शब्द  को पाँच  कुरालों में प्रयोग किया है।
वल्लुवर   की स्तुति  में लिखा है  भारती  दासन   ने :-


वल्लुवर के कुरल ,किसान और राजा , दोनों  एक मनोभाव से साथ जीने का मार्गदर्शक ग्रन्थ  है।


कुरल:-


कोल्ला नलत्ततु   नोनमै ; पिरर   तीमै   सोल्ला  नलत्ततू   साल्बू।


उत्कृष्टता   के  लक्षण  इस कुरल  में स्पस्ट  हो  जाता  है।   तपस्या  से बढ़िया  है  कुलीनता।
अनुवादक इसे "NOBILITY"  कहते  हैं।


A NOBLE PERSON WILL NOT GLOAT OVER ANOTHER'S WEAKNESS JUST  LIKE  AN  ASCETIC   WILL  NOT  KILL.


पोप  उत्कृष्टता  को "PERFECTNESS " कहते हैं।
G.YOU.POPE:-
   PENANCE  CONSISTS IN THE  GOODNESS THAT  KILLS  NOT  AND  PERCEPTION IN THE GOODNESS  THAT  TELLS  NOT  OTHERS  FAULTS.







  








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