Wednesday, July 18, 2012

SHAASAK 12

संसार   के  लोग  कहाँ    ठहरेंगे?  इस सवाल  का  जवाब  वल्लुवर  महोदय  ने   दिया  है।

 जो हमेशा दूसरों   पर  इल्जाम  लगाते  रहते हैं,
उनकी  बातें   सहकर,
वे  अपने हद  से  ज्यादा कहने  पर

निर्भय बोलनेवाले  साहसी मंत्री  की बातें सुननेवाले

राजा के  शासन अधीन   संसार  ठहरेगा।

"सेविकैप्पच   चोर्पोरुक्कुम   पंणपुडै वेंदन   कविकैक  कील्त्तंगु  मुलकू।"

रत्नकुमार:--the people will respect a  ruler who tolerate critics.

G.U.POPE:  THE WHOLE WORLD WILL  DWELL UNDER  THE  UMBERELLA OF  THE  KING  ,WHO CAN BEAR  THAT EMBITTER  THE YEAR.

क्या  एक  राजा  के  लिए  राजा  के   गुण  मात्र   काफी  है?

 वल्लुवर  के  लिए  काफी  नहीं  है।

क्षेत्र  की  जानकारी  भी   आवश्यक  है।

 पक्के  स्थान को  पकड़ लें  तो समय  के  साथ

 अन्य   सब  बातों  को  पकड़  सकते  हैं।

 वह  क्षेत्र  भी  हो  सकता  है   या दुर्ग .

अपनी ताकत और दुशमन  की ताकत  जानना भी  आवश्यक  है।
  साथ  ही  समय  का  निर्धारण  भी  आवश्यक  है।

 इनके  जैसे  ही   स्थान  की  ज़रुरत  है।

"आट्रारुम   आट्री    अडुप  इडन   अरिन्तु     पोट्रार   कण  पोटरी   चेयीं।"

हम से   जो   भिन्न  हैं,उनको  हम दुश्मन  जानते  हैं;

और  अधिक सोचें  तो वह विरोधी  लगेगा।


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