Sunday, July 22, 2012

तिरुवल्लुवर  में बड़ी कौशल  थी।उनके  हर कुरल  को पढ़ते समय  जो आनंद मिलता  है ,वह वर्णनातीत है।संघ काल के कवियों  से लेकर आज के कवी पावेंदर तक  सभी कवियों ने उनकी तारीफ  की थी।हर कुरल के अध्ययन से उनकी तारीफ  की सार्थकता  का पताचलेगा .

क्या एक कार्य के करते समय दूसरे  कार्य  को कर सकते हैं? औसत  बुद्धिवाले इस का जवाब नकारात्मक देंगे। वास्तव में ऐसे  करनेवाले संसार में रहते हैं।वल्लुवर  कहते है  कि   जैसे हम एक हाथी की सहायता से दुसरे हाथी को  पकड़ते  हैं, वैसे ही  एक कार्य  करते समय दूसरे  कार्य को भी  कर सकते हैं।ऐसे करनेवालों के लिए हार का सामना नहीं करना पडेगा।

रत्नकुमार:--once a project succesfully completed  use it to win new contracts  like capturing wild elephants by using  a trained elephnt one that is on  heat.

G.U.POPE:-TO MAKE ONE UNDERTAKING THE MEANS OF ACCOMPLISHING ANOTHER

IS  LIKE MAKING ONE RUTTING ELEPHANT THE MEANS OF CAPTURING ANOTHER.

वल्लुवर का उद्देश्य  कार्य को ठीक -ठीक करना चाहिए। आज के युग  में जीवन सघर्षमय  हो गया।पति -पत्नी  दोनों को कमाना पड़ता है।पत्नी  दफ्टर से आते समय  तरकारियाँ ले आती है;पति  सबेरे पैदा चलने जाता है  तो वापस  आते  समय   दूध  लाता  है। एक कार्य  करते समय दूसरा कार्य करते हैं। इसे ही वल्लुवर कुमुकी  हाथी  के द्वार जंगली हाथी  पकड़ना  कहते  हैं।इक्कीसवीं  सदी की बातों  को वल्लुवर ने दूसरी सदी में ही बताया है।

वल्लुवर के कुरल सचमुच  अद्भुत   और ज्ञानप्रद  है। उनका  शब्द प्रयोग  बड़ा ही शक्तिशाली  है।

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